- पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए.
- समझौता किसानों, कारीगरों, MSME और पेशेवरों जैसे डॉक्टरों और वकीलों को आर्थिक और व्यावसायिक लाभ प्रदान करेगा.
- ब्रिटेन के पास कई ऐसे क्षेत्रों का अनुभव है जो भारत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक FTA यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. दोनों देशों के बीच हुई इस डील को बेहद खास बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस डील से भारत के साथ-साथ ब्रिटेन को भी जबरदस्त फायदा होने वाला है. एनडीटीवी ने FTA को लेकर भारती इंटरप्राइजेज के चेयरपर्सन सुनील भारती मित्तल से खास बातचीत की. सुनील भारती मित्तल ने एनडीटीवी से कहा कि मुक्त व्यापार समझौते करना आसान नहीं है और भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ समझौता, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हुए - एक "ऐतिहासिक क्षण" है जिससे दोनों देशों को लाभ होगा.
मित्तल ने आगे कहा कि ऐसी बहुत सी छोटी-छोटी चीज़ें हैं जो ब्रिटेन में नहीं बनतीं और चीन या अन्य जगहों से आयात की जाती हैं, अब इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत उन्हें बढ़ावा मिलेगा. इसलिए आपको इन वस्तुओं पर ध्यान देना चाहिए, जिनका वर्तमान मूल्य लगभग 23 अरब डॉलर है. मशीनों का निर्यात, जो 14 अरब डॉलर है, संभवतः दोगुना हो सकता है.यह सब मिलकर एक "बेहद उच्च" पूरकता का निर्माण करता है - "यदि आप इन दोनों को मिला दें, तो यह एक फोर्स मल्टीप्लायर बन जाता है. मुक्त व्यापार समझौता डॉक्टरों या वकीलों जैसे भारतीय पेशेवरों के लिए भी अच्छा साबित होगा, जिन्हें पहले ब्रिटेन में प्रैक्टिस करने के लिए अतिरिक्त डिग्री हासिल करनी पड़ती थी या परीक्षा देनी पड़ती थी.