अपमान की हद…! ग्वालियर से भिंड तक जाति के नाम पर इंसानियत कैसे हार रही 

मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति पर अत्याचार के ये महज 2 मामले नहीं है, एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2023 में अनुसूचित जातियों पर अत्याचार के 57,789 मामले दर्ज हुए.

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  • ग्वालियर में दलित ड्राइवर को अपहरण कर बेरहमी से पीटा गया और उसे अपमानजनक तरीके से पेशाब पिलाया गया.
  • भिंड, कटनी और दमोह में भी दलितों के खिलाफ जातिगत अत्याचार और अपमान की घटनाएं सामने आई हैं.
  • कटनी में अवैध खनन विरोध पर दलित युवक की पिटाई हुई और उसके चेहरे पर भी कथित तौर पर पेशाब किया गया.
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नई दिल्‍ली:

मध्यप्रदेश के ग्‍वालियर में हुई घटना सिर्फ एक शख्स के अपमान की नहीं ये कहानी उस समाज की है जहां जाति आज भी जंजीरों में जकड़ी है. ग्वालियर के एक दलित ड्राइवर को अपहरण कर न सिर्फ बेरहमी से पीटा गया बल्कि जिंदा इंसान को अपमान की आखिरी हद तक धकेल दिया गया और कथित तौर पर उसे पेशाब पिलाया गया. लेकिन ये अकेली घटना नहीं है और कई हिस्‍सों से ऐसी ही खबरें आई हैं. 

भिंड, कटनी, दमोह में भी ऐसी घटनाएं 

ग्वालियर से भिंड, कटनी और दमोह तक फैली ये कहानी किसी अपराध नहीं, इंसानियत के गिरते स्तर की गवाही दे रही है. एक दलित ड्राइवर जिसे सिर्फ इसलिए अपहरण कर पीटा गया क्योंकि उसने ‘ड्राइविंग छोड़ दी'. फिर हैवानियत की वह हद जब उसे जबरदस्ती शराब पिलाई गई और उसमें कथित तौर पर पेशाब मिलाया गया.  तीन आरोपी सोनू बरुआ, आलोक पाठक और छोटू ओझा उसे गाड़ी में बैठा कर ले गए रास्ते भर पिटाई भी की.

पीड़ित ने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया. उन्‍होंने कहा, '2 दिन पहले सोनू का फोन आया मेरी गाड़ी चलाओ. उसने गाली दी. फिर तीन लोग आए घर में दबोच लिया गाड़ी में डाला, उन्‍होंने मारपीट की,  बंदूक, पाइप से मारा बोतल में बाथरूम करके पिलाया.'  

राज्‍य सरकार में कैबिनेट मंत्री मंत्री राकेश शुक्ला ने इस घटना पर कहा, 'पीड़ित ने बताया मुझे मारा और मारने के बाद किडनैप करके ग्वालियर से लेकर आए पुलिस ने छुड़ाया पेशाब पिलाने की बात बताई है और सारा मामला चीजें पुलिस की जांच में हैं.' 

क्‍या हुआ था कटनी में 

इसी तरह से पिछले हफ्ते अवैध खनन का विरोध करने पर कटनी में एक दलित युवक की पिटाई की गई और कथित तौर पर उसके चेहरे पर पेशाब किया गया. चार आरोपियों पर SC/ST एक्ट और बीएनएस की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ. इस मामले पर एएसपी संतोष डेहरिया ने बताया,'पंचायत की सीलिंग हो रही थी 13 तारीख को इसने मारपीट की थी, 16 को इसने मुकदमा दर्ज करवाया सरपंच और बाकी तीन के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है.' 

दमोह में सारी हदें पार 

इसी तरह की घटना दमोह में हुई है. यहां के सतरिया गांव में शराबबंदी है लेकिन उसी गांव का एक युवक शराब बेचते पकड़ा गया. गांव के ही दूसरे युवक ने उसका एआई जनरेटेड वीडियो शेयर किया था जिसमें वो जूते की माला पहने नजर आ रहा था. विवाद इतना बढ़ा कि पंचायत बुलाई गई. इसके बाद कुशवाहा समाज के युवक को सजा मिली कि वह अन्नू पांडे के पैर धोए और वही पानी पिए.  बाद में मामले में हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेकर एनएसए के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिये. 

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क्‍या हैं NCRB के आंकड़ें 

मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति पर अत्याचार के ये महज 2 मामले नहीं है, एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2023 में अनुसूचित जातियों पर अत्याचार के 57,789 मामले दर्ज हुए. इनमें उत्तर प्रदेश (15,130) पहले स्थान पर, राजस्थान (8,449) दूसरे और मध्यप्रदेश (8,232) तीसरे स्थान पर रहा. यानी औसतन राज्य में हर घंटे में अनुसूचित जाति पर अत्याचार के 6 मामले दर्ज हुए. 

जुलाई 2023 के सीधी कांड को कौन भूल सकता है, जब बीजेपी से जुड़े प्रवेश शुक्ला का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वह एक आदिवासी युवक पर शराब के नशे में पेशाब करते हुए दिखाई दे रहे थे. उस मामले ने भी पूरे देश में आक्रोश पैदा किया था. 
 

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