'आतंकी गतिविधियों को फंड करने से लेकर ...", न्यूजक्लिक मामले की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने किए कई बड़े खुलासे

प्रबीर पुरकायस्थ पर नेविल रॉय सिंघम और अन्य के साथ मिलकर कोविड-19 के प्रसार को रोकने और भारतीय दवा कंपनियों द्वारा बनाए गए टीकों के खिलाफ लेख प्रकाशित करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक (Newsclick) और इसके फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ अपनी चार्डशीट में आतंक फैलाने और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि वो आतंकवादी गतिविदियों के लिए फंड इकट्ठा कर रहे थे और उनके खिलाफ साजिश में शामिल होने के सबूत हैं. चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुरकायस्थ ने अपने समाचार बुलेटिन में कश्मीर के बिना भारत को चित्रित किया था और अक्साई चीन को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया था. चीनी मानचित्र को बदलने के लिए प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ सबूत ङी हैं. 

प्रबीर पुरकायस्थ पर नेविल रॉय सिंघम और अन्य के साथ मिलकर कोविड-19 के प्रसार को रोकने और भारतीय दवा कंपनियों द्वारा बनाए गए टीकों के खिलाफ लेख प्रकाशित करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया है. इसके जरिए वो भारत सरकार को बदनाम कर रहे थे. आरोप पत्र में दावा किया गया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध की आड़ में प्रबीर पुरकायस्थ दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान में शामिल थे. 

आरोप है कि उन्होंने न्यूज़क्लिक का उपयोग करते हुए अपने कर्मचारियों को दंगाइयों को कैश बांटने के काम में लगाया था. उन पर दिल्ली दंगों के साथ-साथ किसानों के विरोध को भड़काने और कई आतंकवादी संगठनों को फंडिंग करने का भी आरोप है. आरोप पत्र में कहा गया है कि पुरकायस्थ के प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकवादी संगठनों के साथ सक्रिय संबंध थे और उन्होंने उन्हें फंडिंग भी की थी.

Advertisement

आरोप है कि न्यूज़क्लिक को 91 करोड़ रुपये की रकम मिली थी जिसका इस्तेमाल बाद में आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया था. स्पेशल सेल के अनुसार, ईमेल के रूप में सबूत इशारा करते हैं कि 2016 में एक साजिश शुरू की गई थी, जिसमें भारत में आतंकवादी और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसा जुटाया गया था. आरोप पत्र के अनुसार प्रबीर पुरकायस्थ के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के साथ सक्रिय संबंध थे, जिसे यूए (पी) अधिनियम, 1967 की पहली अनुसूची के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था.

Advertisement

स्पेशल सेल का दावा है कि जांच में गवाहों के सबूतों से पता चला है कि गौतम नवलखा और प्रबीर पुरकायस्थ ने माओवादियों और नक्सलियों का समर्थन किया और उनकी गतिविधियों के लिए फंडिंग की.  पुरकायस्थ और न्यूज़क्लिक पर CAA/NRC के खिलाफ बड़े पैमाने पर लामबंदी में शामिल होने, गलत सूचना फैलाने और लेखों और वीडियो के माध्यम से नफरत भड़काने का आरोप है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कथित तौर पर चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए न्यूज़क्लिक और इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की चार्जशीट पर मंगलवार को संज्ञान लिया है.

Advertisement

एडिशनल सेशन जज हरदीप कौर ने संज्ञान लिया और कहा कि मामले में आरोपों पर बहस 31 मई से शुरू होगी. अदालत ने कहा कि वह यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18 और 22 के साथ-साथ यूएपीए की धारा 39 और 40 और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 120 बी के तहत अपराधों के लिए दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले रही है.

Advertisement

यह भी पढ़ें : 

Featured Video Of The Day
PM Modi का Mamata Banerjee पर हमला 'TMC के कुशासन से जूझ रहा बंगाल, BJP पर जनता का भरोसा'
Topics mentioned in this article