Foxconn ने दिया झटका, वेदांता के साथ सेमीकंडक्टर बनाने की डील तोड़ने का ऐलान

ताइवान की हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप फॉक्सकॉन ने कहा, "फॉक्सकॉन का वेदांता यूनिट से कोई संबंध नहीं है. इसके मूल नाम को बनाए रखने के कोशिशों से भविष्य के हितधारकों के लिए भ्रम पैदा होगा."

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ताइवान की फॉक्सकॉन दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स मेकर कंपनी है.
नई दिल्ली:

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज फॉक्सकॉन ने भारतीय ग्रुप वेदांता के साथ लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के  सेमीकंडक्टर ज्वॉइंट वेंचर से बाहर होने की बात कही है. सेमीकंडक्टर(चिप) प्लांट से बाहर निकलने के लिए फॉक्सकॉन ने कोई कारण नहीं बताया है. फॉक्सकॉन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि फॉक्सकॉन वेदांता की पूरी तरह मालिकाना हक वाली कंपनी ने अपना नाम हटाने को लेकर काम कर रही है. कंपनी ने कहा कि उसने वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर को लेकर अब अब आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. मेटल से लेकर ऑयल तक के कारोबार में शामिल वेदांता ने पिछले साल फॉक्सकॉन के साथ एक समझौते पर साइन किये थे. इसके तहत गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट बनाया जाना था.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से ये खबर सामने आई है. ताइवान की हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप फॉक्सकॉन ने कहा, "फॉक्सकॉन का वेदांता यूनिट से कोई संबंध नहीं है. इसके मूल नाम को बनाए रखने के कोशिशों से भविष्य के हितधारकों के लिए भ्रम पैदा होगा."

म्यूचुअली लिया फैसला
फॉक्सकॉन ने कहा कि उसने सेमीकंडक्टर के एक महान विचार को रियलिटी में बदलने के लिए वेदांता के साथ एक साल से अधिक समय तक काम किया था. लेकिन अब ज्वॉइंट वेंचर से बाहर निकलने का फैसला लिया गया है. कंपनी ने कहा कि यह फैसला म्यूचुअली (आपसी बातचीत) से लिया गया है. अब यह पूरी तरह से वेदांता के मालिकाना हक वाली यूनिट होगी.

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मेक इन इंडिया को करते रहेंगे समर्थन- फॉक्सकॉन
बयान में कहा गया है कि एक साल से अधिक समय से होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) और वेदांता ने भारत में समीकंडक्टर निर्माण के विचार को वास्तविकता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है. यह एक उपयोगी अनुभव रहा है, जो दोनों कंपनियों को आगे बढ़ने में मजबूती देगा. कंपनी की ओर से कहा गया, "फॉक्सकॉन भारत में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं से आश्वस्त है. हम सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान का मजबूती से समर्थन करना जारी रखेंगे. हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विविध स्थानीय साझेदारों के साथ काम करते रहेंगे."

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पिछले साल सितंबर में हुई थी डील
बता दें कि पिछले वर्ष 13 सितंबर को गुजरात के गांधीनगर में सरकार, भारतीय कंपनी वेदांता और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज फॉक्सकॉन ग्रुप के बीच एक समझौता हुआ था. उस दौरान दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव व गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद थे. सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा था कि दोनों कंपनियां गुजरात में यूनिट लगाने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. इससे राज्य में एक लाख रोजगार का सृजन होगा.

वेदांता ने भी दिया था डिस्कोलजर
पिछले वर्ष वेदांता की तरफ से डिस्क्लोजर आया उससे लगा कि प्रोजेक्ट वही चला रही है. बाद में कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि वॉलकैन इवेसंटमेंट प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही है. पिछले हफ्ते शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी ने वेदांता पर बीते हफ्ते जुर्माना लगाने का ऐलान किया था. सेबी ने कहा कि कंपनी के ऐसा प्रतीत होने दिया जैसे फॉक्सकॉन के साथ कंपनी ने साझेदारी की है जो कि रेग्यूलेशनों का उल्लंघन है.  

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इससे पहले शुक्रवार को वेदांता ने कहा था कि वे ज्वाइंट वेंचर की हेल्डिंग कंपनी का टेकओवर करेगी, जिसने फॉक्सकॉन के साथ सेमीकंडक्टर बनाने के लिए करार किया था. कंपनी ने कहा था कि वो डिस्प्ले ग्रास मैन्युफैक्चरिंग वेंचर का भी वॉलकैन इवेस्टमेंट से टेकओवर करेगी. 

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क्या होगा नुकसान?
पीएम मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग में नए युग के निर्माण की भारत की आर्थिक रणनीति के तहत चिप मैन्यूफैक्चरिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. अब फॉक्सकॉन का यह कदम विदेशी निवेशकों को भारत में चिप बनाने के लिए लुभाने की उनकी महत्वाकांक्षाओं के लिए एक झटका है.

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