'जाको राखे साइयां मार सके ना कोई' इस वक्तव्य को साकार किया है बोकारो जिला के अमलाबाद थाना क्षेत्र के तिलाताड़ के चार लोगों ने, जो मौत को मात देते हुए 4 दिनों बाद अपने बाजुओं की ताकत पर सकुशल बंद पड़ी कोयला खदान से बाहर निकल आए. जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम अभी रणनीति बना रही थी कि खदान में फंसे चारों तिलाताड़ के ग्रामीणों को कैसे रेस्क्यू कर निकाला जाए और सुबह होने का इंतजार किया जा रहा था कि एनडीआरएफ की टीम घटना स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू कार्य प्रारंभ करेगी. उससे पहले ही मौत को मात दे कर चारों ग्रामीण सुबह 200 फीट जमीन के गर्भ से बाहर निकल गए. अवैध उत्खनन करने गए कोयला खदान में फंसे चारों लोगों ने अचानक तिलाताड़ ग्राम पहुंच कर परिवार के लोगों को हैरान कर दिया.
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चारों लोगों के फंसे होने से जहां परिवार से लेकर पूरे गांव के लोगों में मातम पसरा हुआ था, वहीं उनके सकुशल आ जाने से परिवार से लेकर पूरे गांव में खुशी का माहौल है.उनसे मिलने वालों का तांता लगा हुआ है.
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जहां एक तरफ लोग उनकी दिलेरी को सलाम कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनकी घर वापसी से पूरे गांव का माहौल खुशियों से भर गया है. इन चारों की मानें तो उनको तो यही महसूस हो रहा था कि जिंदगी खत्म हो चुकी है, लेकिन उन्हें भगवान और खुद के हौंसले पर भरोसा था कि हम मौत को भी मात दे देंगे.इन लोगों के घर वाले ये उनका दूसरा जन्म मान रहे हैं.