मणिपुर में छात्र-छात्रा की जघन्य हत्या के मामले में चार गिरफ्तार, दो हिरासत में

चारों संदिग्धों को असम ले गई सीबीआई, पुलिस ने संदिग्धों को इंफाल से 51 किलोमीटर दूर पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से पकड़ा, इसी स्थान से तीन मई को जातीय हिंसा शुरू हुई थी.

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इंफाल/नई दिल्ली:

मणिपुर (Manipur) में जुलाई में दो छात्रों की जघन्य हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है और दो को हिरासत में लिया है. यह वही लोग हैं जिनकी तस्वीर पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर सामने आई थीं. इन चार में दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं. दो लड़कियों को राज्य की राजधानी इंफाल में हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तार चारों लोगों को असम के गुवाहाटी ले जाया गया है.

इंफाल से 51 किलोमीटर दूर पहाड़ी जिले चुराचांदपुर में पुलिस और सेना ने एक संयुक्त अभियान के दौरान संदिग्धों को पकड़ा. चुराचांदपुर में ही तीन मई को जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी.

संदिग्धों को तेजी से हवाईअड्डे ले जाया गया

संदिग्धों को पकड़ने के बाद सुरक्षा बल तेजी से हवाईअड्डे पहुंचे, जहां सीबीआई की एक टीम उनका इंतजार कर रही थी. सीबीआई टीम ने संदिग्धों को साथ लेकर शाम करीब 5:45 बजे इंफाल से गुवाहाटी के लिए उड़ान भरी.

सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी की खबर सुनकर कुछ लोगों ने हवाईअड्डे की ओर बढ़ने की कोशिश की.

कर्नल (सेवानिवृत्त) नेक्टर संजेनबम ने किया ऑपरेशन का नेतृत्व

हाल ही में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कॉम्बेट) बनाया गए कर्नल (सेवानिवृत्त) नेक्टर संजेनबम ने चुराचांदपुर में संदिग्धों की धरपकड़ के लिए चलाए गए गोपनीय अभियान का नेतृत्व किया. मामले के जानकार लोगों ने NDTV को बताया कि, चुराचांदपुर में कई कुकी विद्रोही ग्रुप हैं जिन्होंने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. कर्नल संजेनबम ने 21 पैरा (स्पेशल फोर्स) में सेवाएं दी हैं.

मणिपुर में जुलाई में छात्र-छात्रा की हत्या की गई थी. 

जुलाई में लापता हुए दो छात्रों, जिसमें एक लड़का और एक लड़की थी, के शवों की तस्वीरें 26 सितंबर को सोशल मीडिया पर सामने आई थीं. इसके बाद मणिपुर सरकार ने त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था.

हत्या से पहले बलात्कार के आरोपों की भी जांच

सीबीआई इस मामले की जांच पहले से कर रही है. दोनों नाबालिग छात्रों के शव अभी तक नहीं मिले हैं. सूत्रों ने NDTV को बताया कि जांच करने वाले अधिकारी नाबालिग की हत्या से पहले बलात्कार के आरोपों की भी जांच कर रहे हैं.

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तस्वीरों में एक छात्र और एक छात्रा दिख रही है. दोनों 17 साल के थे. वे एक जंगल में हथियारबंद गुट के अस्थाई शिविर में घास वाले परिसर में बैठे दिख रहे हैं.

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