उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 89 साल की उम्र में लखनऊ में शनिवार को निधन हो गया. भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह 4 जुलाई से संजय गांधी पीजीआई, लखनऊ के आईसीयू में एडमिट थे. वे यूपी के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं. पहली बार वे जून 1991 से दिसंबर 1992 तक और दूसरी बार सितंबर 1997 से नवंबर 1999 तक यूपी के मुख्यमंत्री पद पर रहे. इसके अलावा साल 2014 से 2019 तक राजस्थान के राज्यपाल भी रहे.
कल्याण सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने दुख जाहिर किया है.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''मैं शब्दों से परे दुखी हूं. कल्याण सिंह जी...राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान. उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान है. उनके पुत्र श्री राजवीर सिंह से बात की और संवेदना व्यक्त की. ओम शांति.''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा है, "कल्याण सिंह जी के निधन से देश ने आज एक सच्चे राष्ट्रभक्त, ईमानदार व धर्मनिष्ठ राजनेता को खो दिया बाबूजी एक ऐसे विराट वटवृक्ष थे, जिनकी छाया में भाजपा का संगठन पनपा व उसका विस्तार हुआ. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एक सच्चे उपासक के रूप में उन्होंने जीवनभर देश व जनता की सेवा की. कल्याण सिंह जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कर्तव्यनिष्ठा व राजनीतिक कौशल से सुशासन की संकल्पना को साकार कर जनता को भय व अपराध से मुक्त एक जनकल्याणकारी शासन दिया और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार कर आने वाली सरकारों के लिए उत्कृष्ट आदर्श भी स्थापित किए.'
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा है, 'उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह जी का निधन हृदय विदारक! दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे भगवान. विनम्र श्रद्धांजलि!'
बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा है, 'भाजपा के कद्दावर नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रहे कल्याण सिंह के निधन की खबर अति-दुःखद. उनके परिवार व समर्थकों आदि के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत उन सबको इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे.'
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल्याण सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे एक प्रख्यात राजनेता थे. वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद को भी सुशोभित किया था। देश की राजनीति में उनका बहुमूल्य योगदान रहा है. उनके निधन से न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.'