नई दिल्ली: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग कांग्रेस छोड़ने के लगभग नौ साल बाद बुधवार को पत्नी और बेटे के साथ दोबारा पार्टी में शामिल हो गए. कोरापुट से नौ बार के पूर्व सांसद गमांग ने कहा कि कांग्रेस देश की एकमात्र पार्टी है जो सैद्धांतिक राजनीति करती है. गमांग 2015 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और जनवरी 2023 में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में चले गए.
गमांग ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा. गिरिधर गमांग, पत्नी हेमा और बेटे शिशिर तथा पूर्व सांसद एवं भाजपा नेता संजय भोई के साथ कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन एवं ओडिशा के कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार की उपस्थिति में यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए.
गिरिधर गमांग 1972 में कोरापुट से पांचवीं लोकसभा के लिए पहली बार निर्वाचित हुए और बाद में वह 1977, 1980, 1984, 1989, 1991, 1996, 1998 और 2004 में भी लोकसभा के लिए चुने गए. वह 17 फरवरी 1999 से छह दिसम्बर 1999 तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे.
हेमा गमांग ने 1999 में 13वीं लोकसभा के चुनाव में कोरापुट निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की, जब गिरिधर ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे. संजय भोई 2009 में कांग्रेस के टिकट पर ओडिशा के बारगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे.
माकन ने इन नेताओं का स्वागत करने के बाद कहा, ‘‘हमें खुशी है कि आज गिरिधर गमांग, हेमा गमांग, संजय भोई और शिशिर गमांग कांग्रेस पार्टी परिवार में फिर से शामिल हो रहे हैं. इन नेताओं ने ओडिशा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.''
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस में उनकी वापसी से पार्टी और उसकी विचारधारा मजबूत होगी. कांग्रेस पार्टी की ओर से हम उन सभी का स्वागत करते हैं.'' माकन ने यह भी कहा कि इन नेताओं ने ओडिशा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और पार्टी में उनकी वापसी से प्रदेश पार्टी इकाई और हमारी विचारधारा मजबूत होगी.
अजय कुमार ने कहा, ‘‘गिरिधर न केवल आदिवासी समाज में बल्कि हर समुदाय में लोकप्रिय हैं.'' गिरिधर गमांग ने कहा कि केवल कांग्रेस ही अपने नेताओं को सम्मान दे सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने मुझे 11 बार टिकट दिया, जो कोई अन्य पार्टी नहीं कर सकती. मैं दूसरी पार्टी में रहा, लेकिन केवल कांग्रेस ही सम्मान दे सकती है.''
जब गमांग से पूछा गया कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी और अब वापस क्यों लौट आए हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘कोई विशेष कारण नहीं है. मैं वहीं रहूंगा जहां मैं पैदा हुआ था. मैंने कभी पार्टी, इसके विचारों और विचारधारा को नहीं छोड़ा.''
राहुल गांधी की ‘न्याय यात्रा' के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी द्वारा उठाया गया कदम राजनीतिक नहीं बल्कि संवैधानिक है. हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लिए लड़ते रहेंगे.''