चुनाव आयोग के लिए कॉलेजियम नहीं है, इसका प्रावधान होना चाहिए : NDTV से पूर्व CEC एसवाय कुरैशी

एसवाय कुरैशी ने कहा, "ईसी के लिए कॉलिजियम नहीं है, इसलिए इसका प्रावधान होना चाहिए."

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पूर्व सीईसी एसवाय कुरैशी ने कहा है, ईसी के लिए भी कॉलेजियम होना चाहिए

नई दिल्‍ली:

पूर्व मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त एसवाय कुरैशी ने मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त (CEC) की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट के गंभीर सवालों पर प्रतिक्रिया दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या ईसी के रूप में नियुक्ति स्तर के लिए कोई तंत्र है और क्या सीईसी के रूप में नियुक्ति के लिए कोई प्रक्रिया है. इस मसले पर NDTV से बात करते हुए पूर्व सीईसी कुरैशी ने कहा, "मुझे इस बात की खुशी है. चार साल पहले PIL फाइल हुआ था. उम्मीद है कि इसका समाधान निकलेगा.  मैं भी चीफ इलेक्शन कमिश्‍नर रहा. हम को एक कमज़ोरी महसस होती थी. कोई भी हम पर उंगली उठा सकता है.  इसमें कहा था कि विपक्ष के नेता भी हो, इससे मज़बूती होगी." उन्‍होंने कहा कि ये मांग 25 साल पुरानी है. सरकार इस पर कुछ नहीं करती. 
हमने सरकार को भी लिखा था लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया." 

एसवाय कुरैशी ने कहा, "एंट्री लेवल पर कॉलिजियम होना चाहिए.  कई पदों के लिए कॉलिजियम  है. संवैधानिक पद नहीं है, उनके लिए भी कॉलिजियम है.  कोलिजियम में पीएम, विपक्ष का नेता और सीजेआई होता है. ईसी के लिए कॉलिजियम नहीं है, इसलिए इसका प्रवधान होना चाहिए. इसमें लीगल सेफ गार्ड नहीं है, ये सब सरकार के हाथ में है. इसलिए इंस्‍टीट्यूशनल सेफगार्ड होना ज़रूरी है.वही चीज़ ईसी में लागू होना चाहिए. इसमें लीगल सेफ गार्ड नहीं है, ये सब सरकार के हाथ में है. इसलिए इंस्‍टीट्यूशनल सेफगार्ड होना ज़रूरी है.वही चीज़ ईसी में लागू होना चाहिए. लोग फिर भी सवाल उठाते हैं. कहते हैं कि लोगों डायरेक्टर का रिकॉर्ड देख लें. साइन के बाद टिप्पणी की गुंजाइश कम है." उन्‍होंने कहा कि पीएम के खिलाफ ईसी एक्शन ले सकता है. ये बात अलग है और ताज़ा है. पीएम के खिलाफ शिकायत गई थी, चार शिकायत गई थी. इसमें ईसी ने कोई एक्शन नहीं दिया. इसमें एससी को बोलना पड़ा. फैसला न करने पर सवाल किया. प्रोटेस्ट भी किया गया."

पूर्व मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा, " अभी ईसी के पास इतनी ताकत नहीं. सीईसी आ जाए तो सरकार नहीं हटा सकती.  इन तीनों की बराबर ताकत है. सबसे सीनियर हेड हो जाता है. जिन्‍हें प्रोटेक्शन नहीं है उनके अंदर डर रहता है. सरकार दबाव डाल सकती है, तीनों को बराबर की प्रोटेक्शन है. पहले संस्था वन मैन थी,अब तीन लोग ईसी हैं." उन्‍होंने कहा कि हमने 25 साल से लिखा हालांकि उसी सिस्टम में काम किया. विपक्ष का नेता भी होता तो हमें मजबूती मिलती. SC के हाथ में सब है. उम्मीद है कि हल निकलेगा. कुरैशी ने कहा, "ईसी के पास पावर है. चुनाव आयोग (ईसी) की इमेज है. ईसी सबसे ज्यादा त्रुटिपूर्ण है. कई जगह पार्लियामेंट में हियरिंग होती है. पूरा देश इसे देखता है. हमारे यहां अलग बात है. 70 साल में अच्छा काम भी हुआ. लोगों पर उंगलियां भी उठी है. हमारे ऊपर कोई बार नहीं है कि सरकार का पद ले सके लेकिन हमारे ऊपर भी बार होना चाहिए ताकि लालच न रहे. ये लालच कत्म हो जाना चाहिए."

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