गुजरात में नमाज पढ़ने के विवाद में विदेशी छात्रों पर हमला ; MEA ने दिया कार्रवाई का भरोसा, ओवैसी बोले-शर्मनाक

Dispute over offering Namaz : गुजरात विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीरजा ए गुप्ता ने मीडिया को बताया कि भीड़ में शामिल लोगों और कुछ विदेशी छात्रों के बीच कुछ तनाव था और कल की घटनाओं के कारण तनाव बढ़ गया.

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सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में क्षतिग्रस्त बाइक, टूटे लैपटॉप और क्षतिग्रस्त कमरे दिखाई दे रहे हैं.
नई दिल्ली:

कल रात गुजरात विश्वविद्यालय के छात्रावास पर भीड़ ने धावा बोल दिया और अफ्रीकी देशों, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान के छात्रों पर हमला कर दिया. इस हमले में पांच अंतरराष्ट्रीय छात्र घायल हो गए. राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कथित तौर पर गुजरात के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से बात की है और उन्हें आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह गुजरात सरकार के संपर्क में है और अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पीड़ित छात्रों ने यह कहा
पीड़ित छात्रों ने कहा है कि अहमदाबाद स्थित कैंपस में कोई मस्जिद नहीं है, इसलिए वे तरावीह (रमजान के दौरान रात में पढ़ी जाने वाली नमाज) अदा करने के लिए छात्रावास के अंदर एकत्र हुए थे. छात्रों ने आरोप लगाया है कि इसके तुरंत बाद, लाठियों और चाकुओं से लैस एक भीड़ ने छात्रावास पर धावा बोल दिया और उन पर हमला किया व उनके कमरों में तोड़फोड़ की. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल के सुरक्षा गार्ड ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे.

अफगानिस्तान के एक छात्र ने कहा कि भीड़ में शामिल लोगों ने नारे लगाए और उनसे पूछा कि उन्हें छात्रावास में नमाज पढ़ने की अनुमति किसने दी? उन्होंने कमरों के अंदर भी हम पर हमला किया. उन्होंने लैपटॉप, फोन तोड़ दिए और बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया. छात्र ने बताया कि पांच घायल छात्रों में अफगानिस्तान, श्रीलंका और तुर्कमेनिस्तान से एक-एक और अफ्रीकी देशों से दो छात्र शामिल हैं. जब तक पुलिस पहुंची तब तक भीड़ भाग चुकी थी. घायल छात्र अस्पताल में हैं और उन्होंने दूतावासों को सूचित कर दिया है.

सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में क्षतिग्रस्त बाइक, टूटे लैपटॉप और क्षतिग्रस्त कमरे दिखाई दे रहे हैं. कुछ दृश्यों में लोग हॉस्टल पर पत्थर फेंकते और विदेशी छात्रों को गालियां देते नजर आ रहे हैं. वीडियो में, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को यह कहते हुए सुना जाता है कि वे "डरे हुए" हैं और "यह अस्वीकार्य है." एक वीडियो में भीड़ में से एक युवक को सुरक्षा गार्ड से पूछते हुए सुना जा सकता है, "वे नमाज क्यों पढ़ रहे हैं, क्या यह वही जगह है?" इस समय, एक छात्र चिल्लाता है और युवक के पास आकर उस पर हमला करता है. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने दावा किया है कि इससे भीड़ की हिंसा भड़क उठी. हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए निंदा की है और पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हस्तक्षेप करेंगे.

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अहमदाबाद शहर के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने कहा कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है. लगभग 300 विदेशी छात्र यहां पढ़ते हैं. ये सभी अफगानिस्तान, श्रीलंका और अफ्रीकी देशों से हैं. उनमें से कुछ कल छत पर नमाज पढ़ रहे थे. कुछ लोग आए और पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं और उन्हें मस्जिद में नमाज अदा करनी चाहिए . इस पर तीखी नोकझोंक और मारपीट हुई. इसके बाद बाहरी लोगों ने पथराव किया और छात्रावास के कमरों में तोड़फोड़ की." वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कॉल मिलने के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई. हमने नौ टीमें बनाई हैं और इसकी जांच कर रहे हैं. हमने एक व्यक्ति की पहचान की है. 20-25 लोगों के खिलाफ शिकायत मिली है और एफआईआर दर्ज की गई है. हम वायरल हो रहे वीडियो को स्कैन करेंगे. हम इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.

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दो विदेशी छात्र हुए घायल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "गुजरात सरकार अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. झड़प में दो विदेशी छात्र घायल हो गए. उनमें से एक को चिकित्सा के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. विदेश मंत्रालय गुजरात सरकार के साथ संपर्क में है."  

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गुजरात विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीरजा ए गुप्ता ने मीडिया को बताया कि भीड़ में शामिल लोगों और कुछ विदेशी छात्रों के बीच कुछ तनाव था और कल की घटनाओं के कारण तनाव बढ़ गया. उन्होंने कहा, ''मामला अभी पुलिस जांच के अधीन है.'' डॉ. गुप्ता ने कहा कि चूंकि ये छात्र विदेशों से हैं, इसलिए उन्हें कल्चरल सेंसिटिविटी में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है. हम उनके साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे कि उनकी सुरक्षा कैसे मजबूत की जाए.

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