"स्थायी परिवहन, लॉजिस्टिक, बैंकिंग...": एस जयशंकर और रूस के लावरोव के बीच आज मास्को में द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा

रूसी दूतावास के कहा, "एशिया-प्रशांत क्षेत्र में निष्पक्ष सुरक्षा वास्तुकला, यूक्रेन और अफगानिस्तान की स्थिति, साथ ही फिलिस्तीनी-इजरायल टकराव" के मुद्दों पर भी जयशंकर (S Jaishankar In Moscow) और उनके रूसी समकक्ष के बीच बातचीत हो सकती है.

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मॉस्को यात्रा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर
नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूस की पांच दिवसीय यात्रा (S Jaishankar Russia Visit) का आज तीसरा दिन है. मास्को में वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत करेंगे. यह जानकारी भारत में रूसी दूतावास ने एक बयान में दी. बयान में कहा गया, " दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग के वर्तमान और भविष्य के क्षेत्रों के साथ-साथ आगामी संपर्क कार्यक्रम पर भी चर्चा करेंगे." दोनों की बातचीत में मुख्य फोकस "स्थायी परिवहन, लॉजिस्टिक, बैंकिंग और वित्तीय श्रृंखलाओं के निर्माण को बढ़ावा देने, आपसी समझौतों में राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ाने" पर होगा. 

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रूस में कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष के बीच "अंतरिक्ष और परमाणु समेत उच्च तकनीक क्षेत्रों में सहयोग के साथ ही आर्कटिक शेल्फ और रूसी के दूर दराज वाले इलाकों में हाइड्रोकार्बन के विकास के लिए संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन" के मुद्दों पर चर्चा संभव है. वहीं दोनों नेता वर्तमान अंतरराष्ट्रीय मामलों पर नोट्स की तुलना करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र (यूएन), शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और जी20 के भीतर बातचीत के विषय पर अलग से चर्चा की जाएगी, साथ ही आने वाले साल में रूस की ब्रिक्स अध्यक्षता की प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की जाएगी."

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रूसी दूतावास के कहा, "एशिया-प्रशांत क्षेत्र में निष्पक्ष सुरक्षा वास्तुकला, यूक्रेन और अफगानिस्तान की स्थिति, साथ ही फिलिस्तीनी-इजरायल टकराव" के मुद्दों पर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है. बता दें कि "मॉस्को और नई दिल्ली हाल के दशकों में उभरी विश्व व्यवस्था के संतुलन को सुनिश्चित करने में एक अभिन्न कारक के रूप में प्रतिबद्ध हैं. रूस नव-उपनिवेशवादी प्रथाओं के प्रसार के बीच राजनीतिक और आर्थिक संप्रभुता को बनाए रखने में ग्लोबल साउथ के देशों का समर्थन करता है. उसकी प्राथमिकता एक सकारात्मक एजेंडे को बढ़ावा देना और रचनात्मक अंतरराज्यीय संवाद का निर्माण करना है." 

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भारत-रूस के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग पर हुई चर्चा

बता दें कि कि अपनी मॉस्को यात्रा के दूसरे दिन, मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के उप प्रधानमंत्री और उद्योग-व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव संग "रूस और भारत के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग के विकास" पर चर्चा की. इस दौरान भारत में रूसी दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, "रूस के डिप्टी पीएम और उद्योग- व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव और भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग के विकास पर चर्चा की. दोनों के बीच व्यापार, निवेश, वित्तीय और बैंकिंग, परिवहन और लॉजिस्टिक क्षेत्रों, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में बातचीत के सामयिक मुद्दों पर चर्चा की. प्राथमिकता वाले औद्योगिक सहयोग परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर भी विशेष ध्यान दिया गया.

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बातचीत के बाद, रूस-भारत अंतर सरकारी आयोग के सह-अध्यक्षों की मौजूदगी में रूस के हेल्थकेयर में निगरानी के लिए संघीय सेवा और भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. "दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, वित्तीय और बैंकिंग, परिवहन और सॉजिस्टिक क्षेत्रों, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में बातचीत के सामयिक मुद्दों पर चर्चा की. इससे पहले सोमवार को एस जयशंकर ने रूसी रणनीतिक समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और कनेक्टिविटी, बहुपक्षवाद, बड़ी शक्ति प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय संघर्षों के मुद्दों पर चर्चा की. बता दें कि एस जयशंकर रूस की चार दिवसीय यात्रा पर 25 दिसंबर, रविवार को मास्को पहुंचे. मॉस्को पहुंचने के बाद,उन्होंने कहा कि वह रूस में अपने कार्यक्रमों के लिए उत्सुक हैं. 
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