देश में पहली बार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जिला और तहसील अदालतों के सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. इसके लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ (CJ Ravi Malimath) ने गुरुवार को इंटीग्रेटेड वीडियो सर्विलांस सिस्टम (Integrated Video Surveillance System), कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (Court Room Live Audio Visual Streaming System) और ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platform) का शुभारंभ किया. अब लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए मध्य प्रदेश की 210 अदालतों की सुनवाई लाइव देखी जा सकेगी.
ऐसा देश में पहली बार होने जा रहा है, जब जिला और तहसील अदालतों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. इसके बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने देश की अन्य अदालतों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है. लाइव स्ट्रीमिंग सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को अपनाया गया है. यह प्रणाली अगले पांच वर्षों के लिए लाई गई है. इस परियोजना की लागत 189.25 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
न्यायपालिका में डिजिटल युग को मिलेगा बढ़ावा
यह भारतीय न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक अग्रणी तकनीक परियोजना है, जो हाईकोर्ट और अदालत परिसर को सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगी. इसके माध्यम से न्यायपालिका में डिजिटल युग को प्रचार होगा और लोकल व स्थानीय अदालतों को नई तकनीकी को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा. मध्य प्रदेश में अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग को शुरू करने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ की बड़ी भूमिका रही है.
अदालत परिसर को सुरक्षित बनाना है लक्ष्य
पिछले कई वर्षों से अदालत परिसर को सुरक्षित बनाने को लेकर मांग उठती रही है. अदालतों में सुनवाई के दौरान या परिसर में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिसने जज, वकील, अदालत के कर्मचारियों और आमजन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. इसके बाद मध्य प्रदेश न्यायपालिका उचित कदम उठाते हुए अदालतों में लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा शुरू की. यह तकनीक सुनवाई के दौरान कारगर साबित होने वाली है. इसके माध्यम से सभी संबंधित पक्षों को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए सुनवाई को देखने का मौका मिलेगा.
नई व्यवस्था में क्या-क्या शामिल?
कोर्ट रूम की लाइव स्ट्रीमिंग व्यवस्था में इंटीग्रेटेड वीडियो सर्विलांस सिस्टम, कोर्ट रूम ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग सिस्टम, आर्काइव और लाइव के साथ-साथ ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सेटअप, डेटा सेंटर एवं कमांड और कंट्रोल सेंटर, डिजास्टर रिकवरी सेटअप, मैनेजमेंट सर्विस और संचालन एवं रखरखाव शामिल है. इसके लिए जबलपुर में डेटा सेंटर एवं कमांड और कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी. वहीं इंदौर में डिजास्टर रिकवरी सेट-अप बनाया जाएगा.
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