देश में बढ़ रहे कोविड जैसे लक्षणों वाले फ्लू के केस, जानें-ऐसे में क्या करें और क्या नहीं...

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देशभर में खांसी, जुकाम और जी मचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग के खिलाफ सलाह दी है.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
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बुखार के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे लोग
इसके लक्षण कोविड से मिलते जुलते ही हैं
IMA ने दी एंटीबायोटिक का अंधाधुंध उपयोग न करने की सलाह

पूरे देश में कोविड जैसे लक्षणों वाले एक इन्फ्लुएंजा के मामले बढ़ रहे हैं जिससे कई लोगों में डर पैदा हो गया है.  इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के मुताबिक, कई लोगों के लिए सांस की तकलीफ का कारण बनने वाली यह बीमारी Influenza A subtype H3N2 है. वायु प्रदूषण ऐसे मामलों में स्थिति और खराब कर रहा है. इन्फ्लुएंजा के कारण लोगों को बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही है. 

अन्‍य आम लक्षण 
-खांसी
-जी मिचलाना
-उल्टी 
-गला खराब होना
-शरीर में दर्द
-दस्त

ICMR ने लोगों को वायरस के संपर्क में आने से खुद को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है..
क्‍या करें 
-हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें.
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण है, तो इन बातों का ध्यान रखें.
-फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से परहेज करें.
-अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें.
-खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढंकना न भूलें.
-Hydrated रहें और ढेर सारे तरल पदार्थों का सेवन करें।
-बुखार और शरीर में दर्द की स्थिति में पेरासिटामॉल लें.

क्‍या न करें 
-हाथ न मिलाएं या ऐसे किसी भी संपर्क आधारित अभिवादन का उपयोग न करें
-सार्वजनिक रूप से न थूकें.
-खुद दवा न लें. एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाएं डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लें
-अन्‍य लोगों के करीब बैठकर खाना न खाएं 

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देशभर में खांसी, जुकाम और जी मचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग के खिलाफ सलाह दी है.  IMA ने डॉक्टरों से केवल लक्षणात्‍मक उपचार (Symptomatic treatment) Prescribe करने को कहा है न कि एंटीबायोटिक्स.मेडिकल निकाय ने एक बयान में कहा, "हमने पहले ही कोविड के दौरान Azithromycin और Ivermectin का व्यापक उपयोग देखा है. एंटीबायोटिक दवाओं को निर्धारित करने से पहले यह पता लगाना आवश्यक है कि इनफेक्‍शन जीवाणुगत (bacterial)है अथवा नहीं."

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