राजस्थान में बाढ़ : दो दिनों में 4,000 से अधिक लोगों को बचाया गया, सेना तैनात

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को कोटा और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण संपत्ति के नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया

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राजस्थान में भारी बारिश के चलते नदियों में बाढ़ आई है.
जयपुर:

राजस्थान के कोटा, झालावाड़, बारां और बूंदी सहित बाढ़ प्रभावित जिलों में पिछले दो दिनों में चार हजार से अधिक लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सेना और वायुसेना को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया था. इन जिलों के कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं. हालांकि, बुधवार को पानी की आवक में कमी होने से स्थिति कल की तुलना में बेहतर थी. कोटा, बूंदी और बारां में स्कूल फिर से खुल गए जबकि झालावाड़ में स्कूल बंद रहे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को कोटा और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण संपत्ति के नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है.

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने बुधवार को झालावाड़,बारां, कोटा और टोंक जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. उनके साथ सांसद दुष्यंत सिंह भी थे.

राज्य आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग के एक अधिकारी ने जयपुर में बताया कि जिला प्रशासन, सेना की टीम, वायु सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और नागरिक सुरक्षा की टीमों ने मंगलवार और बुधवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 4,302 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया है. मंगलवार को बारां जिले के खुरई गांव से 13 लोगों को वायु सेना के विमान से एयरलिफ्ट किया गया था.

अधिकारी ने बताया, ‘‘मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारी बारिश के कारण चंबल, कालीसिंध, परवन, पार्वती और मेज नदियों में अत्यधिक जल प्रवाह और कालीसिंध, कोटा बैराज, जवाहर सागर, पार्वती बांध से पानी छोड़े जाने से कोटा ,बूंदी, बारां, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़ और धौलपुर जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.''

इससे इन जिलों के कई इलाके जलमग्न हो गए. लोग निचले इलाकों में फंस गए थे और 5-6 फीट तक जलजमाव हो गया था. कई गांव जिला मुख्यालयों से कट गए.

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झालावाड़ की जिलाधिकारी भारती दीक्षित ने कहा कि ‘‘कल की तुलना में स्थिति बेहतर है. कल जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था, उनमें से कई अपने स्थानों पर लौटने लगे हैं क्योंकि पानी का स्तर अब घट रहा है.''

बूंदी के जिलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी ने बताया कि आज लाखेरी उपखंड में करीब 600 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. उन्होंने क्षेत्र का निरीक्षण किया. खेल मंत्री अशोक चांदना ने बूंदी में अधिकारियों की बैठक कर स्थिति की समीक्षा की.

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मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश व जलभराव के कारण कुछ जिलों में हुए नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं. एक सरकारी प्रवक्‍ता ने बताया कि मुख्‍यमंत्री ने बुधवार को राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

गहलोत ने कहा है कि बाढ़ से हुई जनहानि पर राज्‍य आपदा मोचन कोष (SDRF) से मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने बाढ़ व जलभराव से संपत्ति और घरों के नुकसान के लिए सर्वेक्षण कराने के दिए निर्देश हैं. इसके साथ ही फसल के नुकसान के लिए गिरदावरी कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा इस मद में सभी जिलों को पर्याप्त राशि का आवंटन भी किया गया है.

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राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने बुधवार को झालावाड़,बारां कोटा और टोंक जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षेण किया. बाद में राजे ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गत वर्ष की बाढ़ से सबक लेकर राज्य सरकार चेत जाती तो यह स्थिति नहीं होती. जो हालात सामने है उनसे साफ है कि ‘प्रदेश में आपदा और गहलोत सरकार लापता' है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसानों की सोयाबीन,उड़द,धान, मक्का,चवला सहित ख़रीफ़ की कई फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि बारां, झालावाड़, कोटा, धौलपुर, चितौड़गढ़, प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा सहित कई ज़िलों में बाढ़ से लोगों का ज़न-जीवन प्रभावित हुआ है,लोग तीन-तीन दिन भूखे प्यासे फंसे रहे.

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मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को सुबह 08.30 बजे तक पिछले 24 घंटों के दौरान जालोर के भीनमाल में अधिकतम 143 मिमी बारिश हुई वहीं सिरोही के डेलदार में 120 मिमी बारिश हुई. वहीं बुधवार सुबह से शाम साढ़े पांच बजे तक जालोर में 23.5 मिमी बारिश दर्ज की गई.

विभाग के अनुसार बारिश की गतिविधियां अब कम हो जाएंगी और अगले पांच दिनों तक राज्य में भारी बारिश की कोई चेतावनी नहीं है.

राजस्थान में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात

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