देशभर में रोजाना ना किसी ना किसी इंसान को एक जगह से दूसरी जगह जाना होता है. लेकिन ट्रैफिक की बढ़ती समस्या हर मुसाफिर की मुश्किलें बढ़ा देती है. ऐसे में जरूरी है कि हर शहर में बढ़िया पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस मुहैया कराई जा सकें. मुंबई के लोगों के लिए ट्रैफिक कितनी बड़ी समस्या है, इससे हर कोई वाकिफ होगा. लेकिन अब मुंबई में सफर करने वालों के राहत भरी खबर आ रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) मेट्रो 3, एक्वा लाइन के फेज 1 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है, जिसकी शुरुआत 1 जुलाई से होने की उम्मीद है.
मुंबईवासियों को सफर होगा आसान
मुंबई में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है, ऐसे में मेट्रो की शुरुआत होने से लोगों का सफर अब पहले से आसान हो जाएगा. फिलहाल आरे डिपो का 99.5 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है. इस लाइन पर ट्रेनें आरे और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के बीच चलेगी. फिलहाल कुछ फिनिशिंग, ट्रायल और परीक्षण होना बाकी हैं. ट्रेन संचालन के प्रबंधन के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एक बैकअप ऑपरेशन और कंट्रोल रूम बनाया गया है. आरे डिपो 30 हेक्टेयर में फैला है, जिसमें 25 हेक्टेयर पर स्टेशन और डिपो है और बाकी 5 हेक्टेयर अन्य उपयोग के लिए है. जहां रखरखाव, मेट्रो के संचालन, प्रशासन और प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं हैं.
डिपो किसी भी मेट्रो परियोजना का अहम हिस्सा
एक विशेष समय में यात्रियों के लिए अधिकतम 20 ट्रेनें ही सेवा में होंगी, जिनमें से कुछ को कफ परेड और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स जैसे टर्मिनल स्टेशनों पर तैनात किया जाएगा, जो सुबह के संचालन के लिए तैयार होंगी. प्रत्येक डिपो को किसी भी मेट्रो परियोजना का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. इससे पहले, कुछ कानूनी विवादों के कारण डिपो में निर्माण कार्य में तीन साल की देरी हुई थी. आरे डिपो मेट्रो 3 के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम के रूप में कार्य करता है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट क्यों है जरूरी
दुनियाभर में गाड़ियों की बढ़ती संख्या प्रदूषण के सबसे मुख्य कारणों में से एक है. साथ ही ज्यादा गाड़ियों से शहरों में ट्रैफिक की समस्या भी आम हो चुकी है. ऐसे में जरूरी है कि हर जगह पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जा सकें. जिस शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सर्विस जितनी अच्छी होती है, वहां लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान रहता है. पर्यावरण के लिहाज से भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के खास मायने हैं. यही वजह है कि अब दुनियाभर में कई देश अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और दुरुस्त करने में लगे हैं.