पार्टी का नाम, चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को मिल जाने के बाद शिवसेना की पहली बड़ी बैठक आज

उद्धव ठाकरे आज सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध करेंगे कि टीम एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और पार्टी का चिन्ह देने के चुनाव आयोग के फैसले को रद्द कर दिया जाए.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में नए स्थानीय नेताओं की नियुक्ति भी कर सकते हैं.
मुंबई:

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शिवसेना का नियंत्रण कैसे वापस लिया जाए, इस पर चर्चा के लिए टीम उद्धव ठाकरे आज अपनी पहली अहम बैठक करने जा रही है. साथ ही ठाकरे आज सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध करेंगे कि टीम एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और पार्टी का चिन्ह देने के चुनाव आयोग के फैसले को रद्द कर दिया जाए. दरअसल निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित अविभाजित शिवसेना का 'धनुष एवं तीर' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था.

सूत्रों ने बताया कि ठाकरे आज शाम अपने शिवसेना गुट की पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में नए स्थानीय नेताओं की नियुक्ति कर सकते हैं.

लगातार बढ़ रही हैं मुसीबत 

उद्धव ठाकरे की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही हैं. पहले पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह चले गया. फिर विधानभवन में पार्टी का कार्यालय भी चला गया. अब बीएमसी हेड ऑफिस में पार्टी कार्यालय पर एकनाथ शिंदे गुट कब्जा जमाने की कोशिश में है. साथ ही सेना भवन को लेकर भी एक विवाद खड़ा हो गया है. यशास लिगल फर्म ने चैरिटी कमिश्नर के पास लिखित शिकायत की गई है कि सेना भवन अगर शिवाई ट्रस्ट का है तो उसका इस्तेमाल राजनीतिक तौर पर कैसे हो रहा है? फर्म ने चैरिटी कमिश्नर से मामले में जरूरी कारवाई की मांग की है.

Advertisement

बता दें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न ‘‘धनुष एवं तीर'' आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को उद्धव ठाकरे गुट ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था. प्रधान न्यायाधीश ने हालांकि कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, 'नियम सभी पर समान रूप से लागू होते हैं. कल उचित प्रक्रिया के माध्यम से आएं.'

Advertisement

ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि याचिका में उठाए गए बिंदुओं का उन मुद्दों पर सीधा असर पड़ता है जिन पर संविधान पीठ विचार कर रही है. याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने में गलती की कि दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य ठहराने और ‘चिह्न संबंधी' कार्यवाही अलग-अलग मामले हैं और विधायकों की अयोग्यता राजनीतिक दल की सदस्यता समाप्त करने पर आधारित नहीं है. (भाषा इनपुट के साथ)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Priyanka Gandhi On Budget 2025: बजट पर भड़की प्रियंका गांधी, कैमरे पर खूब सुनाया...
Topics mentioned in this article