विदेश में भी होगी IIT की धमक, देश से बाहर खुलेगा पहला कैंपस

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आईआईटी मद्रास- ज़ांज़ीबार परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक शुरुआत है.

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नई दिल्ली: आईआईटी पूरी दुनिया में अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है. साथ ही अब आईआईटी का ग्लोबल स्तर पर विस्तार किया जाएगा. आईआईटी(IIT) की धमक अब विदेश में भी होगी. इस साल के अंत तक तंजानिया में IIT का कैंपस खुलने जा रहा है. ये पहला मौका होगा जब IIT का कैम्पस विदेश में खुलने जा रहा है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये भारत के बाहर स्थापित होने वाला पहला IIT परिसर है. यह भारत और तंजानिया के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को प्रतिबिंबित करता है और भारत द्वारा पूरे अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण में लोगों के बीच संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की याद दिलाता है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आईआईटी मद्रास- ज़ांज़ीबार परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक शुरुआत है. उन्होंने कहा कि यह पहल दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ अफ्रीका के साथ लोगों के बीच मजबूत संबंध बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

IIT के नए परिसर में नामांकित छात्रों को आईआईटी मद्रास की डिग्री दी जाएगी. मॉडर्न डिग्रियों से एक विविध समूह को आकर्षित करने की उम्मीद है और इसमें तंजानिया और अन्य देशों के स्टूडेंट्स भी शामिल होंगे. भारतीय स्टूडेंट्स भी इन कार्यक्रमों में आवेदन करने के पात्र हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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