'पहला दिन बहुत मुश्किलों भरा था, अब मदद मिल रही': रूस में फंसे एयर इंडिया के यात्री

एनडीटीवी को एयर इंडिया की फ्लाइट डायवर्ट होने के कारण फंसे दो यात्रियों ने बताया कि उन्हें पहले दो-तीन घंटों तक न तो भोजन मिला, न ही पानी, शाकाहारी खाने के विकल्प बहुत सीमित हैं.

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एयर इंडिया की प्लाइट से मगदान पहुंचे दो भाईयों ने बताया कि अब रूसी अधिकारी मदद कर रहे हैं.
नई दिल्ली:

एयर इंडिया की दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को फ्लाइट को रूस के सुदूर मगदान शहर में डायवर्ट कर दिया गया. इसमें सवार दो यात्रियों ने आज NDTV को बताया कि पहले दिन उनके लिए यह "बेहद कठिन" था. उन्हें पहले दिन दो-तीन घंटे तक कोई भोजन या पानी नहीं दिया गया और शाकाहारी भोजन के लिए बहुत कम विकल्प हैं. उन्होंने एक 90 साल की महिला के बारे में भी बताया कि उनके पास केवल एक या दो दिनों के लिए ही दवाएं हैं. उन्होंने कहा कि, हालांकि दूसरे दिन से चीजें ठीक हो रही हैं और रूसी अधिकारी मदद कर रहे हैं.

एयर इंडिया ने कहा कि रिप्लेसमेंट फ्लाइट सभी यात्रियों और चालक दल को सैन फ्रांसिस्को ले जाएगी. यह विमान मुंबई से मगदान के लिए रवाना हो गया है. यह स्थानीय समयानुसार सुबह 6.30 बजे (भारतीय समयानुसार एक बजे) पहुंचेगा.

यात्री गिरवान सिंह और उनके छोटे भाई जयवंत से NDTV ने बात की. यह पूछे जाने पर कि उनके लिए यह कितना कठिन रहा, गिरवान ने कहा, "पहला दिन हम सभी के लिए बेहद कठिन था. मौसम खराब और ठंडा था और बहुत तेज हवा चल रही थी. मैं हाफ-स्लीव और शॉर्ट्स में था. जब हम होटल के कमरे में पहुंचे तो दो से तीन घंटे तक हमारे पास न खाना था और न ही पानी. हमें सुबह लगभग तीन बजे पानी मिला.

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गिरवान ने कहा कि वे दूसरे दिन रुके रह सकते हैं. उन्होंने कहा, "समस्या यह है कि बहुत सारे लोग शाकाहारी हैं और मगादान शहर बंदरगाह के बगल में है. हमारे पास शाकाहारी भोजन के लिए यहां अधिक विकल्प नहीं हैं. नाश्ते में ब्रेड और दूध और कुछ सूप ले रहा हूं."

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अन्य यात्रियों के डॉरमेट्री और बास्केटबॉल कोर्ट में रहने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर गिरवान ने कहा, "सौभाग्य से हमारा बैच, हमारी बस मगदान में महिला छात्रावास में ले जाया गया था, इसलिए हम भाग्यशाली थे ... मैंने कुछ वीडियो देखे जिनमें 10 या 30 लरोग एक क्लासरूम  में सो रहे हैं. वह बहुत ही असहज लग रहा है."

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गिरवान ने कहा कि वह एक 96 वर्षीय महिला के बगल में बैठा था जो उसे बता रही थी कि वह छह-सात महीने बाद सैन फ्रांसिस्को जा रही है. उन्होंने बताया कि, "उनके पास केवल एक या दो दिनों के लिए सीमित मात्रा में दवाएं हैं. इसलिए उनके लिए मैनेज करना मुश्किल हो रहा है."

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जयवंत ने अपने भाई गिरवान की बात दोहराई कि उन्हें पहले कुछ घंटों तक भोजन या पानी नहीं मिला. उन्होंने कहा, "यह बहुत मुश्किल नहीं है. दूसरे दिन सभी सैटेल हो गए हैं. बस खाने की समस्या है." 

गिरवान ने कहा कि भाषा की भी एक बाधा है. यह पूछे जाने पर कि क्या लोग उनकी मदद कर रहे हैं, उन्होंने कहा, "भोजन और भाषा की बाधा को छोड़कर, रूसी अधिकारी हमारी मदद कर रहे हैं. उन्होंने हम सभी के लिए एक अनुवादक दिया है जो रूसी अथारिटी तक हमारे बात अनुवाद करके पहुंचा रहा है. वह अब तक हमारे लिए काफी मददगार रहा है."

चालक दल के 16 सदस्यों  और 216 यात्रियों को लेकर जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI173 को मंगलवार को मगदान की ओर डायवर्ट कर दिया गया था.

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