माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर को लेकर तीन एफआईआर दर्ज की गई है. गुरुवार को झांसी के बड़ागांव थाने में एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार ने ये एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है कि पुलिस ने उमेश पाल की हत्या के आरोपी असद अहमद और गुलाम को उत्तर प्रदेश पुलिस ने जिंदा पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों तरफ से गोलीबारी में वो घायल हो गया और फिर उसकी मौत हो गई.
पहली एफआईआर में असद और मोहम्मद गुलाम पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ है. दूसरी में अतीक अहमद के बेटे असद से बरामद हुई पिस्टल को लेकर आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हुआ है. वहीं तीसरी एफआईआर मोहम्मद गुलाम से बरामद हुई विदेशी पिस्टल और कारतूस के मामले में आर्म्स एक्ट में की गई है.
एफआईआर के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या के ठीक बाद आरोपी गुड्डू मुस्लिम भी झांसी आया था. वो झांसी में सतीश पांडे के घर पर रहा था. 13 अप्रैल को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि असद और गुलाम भी झांसी में हैं. इसके बाद घेराबंदी शुरू की गई. दो लोग बाइक पर चिरगांव की तरफ से आते दिखे, उनका डेढ़ किलोमीटर तक पीछा किया गया. फिर उनकी बाइक आगे गिर गई और वो झाड़ियों में छिप गए. इसके बाद अचानक उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. आत्मरक्षा में हमारी टीम ने भी गोलियां चलाई.
बताया गया कि दोनों तरफ से गोलियां चलने के थोड़ी देर बाद दूसरी तरफ से फायरिंग की आवाज आनी बंद हो गई, फिर हमने जाकर देखा तो दोनों घायल पड़े थे. फिर उन्हें तुरंत एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भेजा गया. मीडिया में जो तस्वीरें चल रही थी, ये वही असद और गुलाम के ही थे.
गौरतलब है कि पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की हत्या के आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को पुलिस ने गुरुवार को एनकाउंटर में मार गिराया था. साथ ही शूटर गुलाम को भी पुलिस ने ढेर कर दिया था. दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनामी घोषित था.
असद झांसी से मध्यप्रदेश भागने की फ़िराक में था. वो उमेश पाल की हत्याकांड को अंजाम देने के बाद लखनऊ गया. जहां से कानपुर, फिर वहां से लगभग एक हफ़्ते मेरठ रहा. मेरठ से वो दिल्ली के संगम विहार गया. वहां से फिर यूपी गया और झांसी शहर से मोटरसाइकिल से मध्यप्रदेश जा रहा था. जब पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हुई.
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