समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से पार्टी विधायक आजम खां पर अपने खिलाफ दर्ज एक मामले में एक गवाह को धमकाने के आरोप में बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आजम खां और पांच अन्य लोगों के खिलाफ एक मामले के गवाह को धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी रामपुर शहर के बोरिया इलाके के रहने वाले नन्हे नामक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज की गई है. पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक नन्हे ने आरोप लगाया है कि पूर्वाह्न करीब साढ़े नौ बजे पांच अज्ञात लोग उसके घर पर पहुंचे और कहा कि उन्हें आजम खां ने भेजा है. उन लोगों ने कहा कि वह खां के खिलाफ अदालत में बयान नहीं दे वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा.
नन्हे, आजम खां के खिलाफ एक जमीन पर अवैध कब्जे से जुड़े मुकदमे का गवाह है, जो वर्ष 2019 में दर्ज किया गया था और जिले की एमपी एमएलए अदालत में इसकी सुनवाई चल रही है. इस मामले की बुधवार को सुनवाई की गई और नन्हे ने अदालत में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गवाह की सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं.
इस बीच, आजम खान के बेटे और स्वार सीट से सपा विधायक अब्दुल्लाह आजम ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और अपने पिता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर विरोध जताया. उन्होंने इस मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि राजनीतिक वैमनस्य की वजह से यह मुकदमा दर्ज किया गया है. अब्दुल्लाह ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है.
गौरतलब है कि आजम खां के खिलाफ अवैध कब्जे, धमकी देने, रंगदारी मांगने, आपराधिक साजिश रचने और चोरी के 90 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं. उन्हें वर्ष 2020 में गिरफ्तार किया गया था और वह 27 महीने तक जेल में रहे थे.