क्रेडिट, डेबिट कार्ड से विदेशों में 7 लाख रुपये तक खर्च पर नहीं कटेगा टीसीएस

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सलाह के बाद सरकार ने फेमा के नियमों में बदलावों को मंजूरी दे दी है. नए नियम 1 जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे.

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क्रेडिट कार्ड के माध्यम से विदेशी खर्च पर कर पर वित्त मंत्रालय का स्पष्टीकरण
नई दिल्‍ली:

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड(20% TCS On Credit Card) के जरिये विदेशों में एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक के खर्च पर 'स्रोत पर कर संग्रह' (TCS) नहीं कटेगा. विभिन्न तबकों की आलोचनाओं के बीच वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण योजना (LRS) और टीसीएस के संबंध में प्रक्रिया संबंधी अस्पष्टता को दूर करना है. 

बता दें कि मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के जरिये होने वाले खर्च को एलआरएस के दायरे में लाने का निर्णय किया था, इसके परिणामस्वरूप उस पर 20 प्रतिशत टीसीएस लगाया गया था. इसको लेकर विशेषज्ञों और संबंधित पक्षों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी थी.

मंत्रालय ने कहा, "प्रक्रिया संबंधी अस्पष्टता दूर करने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है कि अंतरराष्ट्रीय डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेशों में एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक के खर्च को उदारीकृत धन प्रेषण योजना से बाहर रखा जाएगा और उस पर टीसीएस नहीं कटेगा." फिलहाल विदेशों में इलाज और पढ़ाई पर होने वाले सात लाख रुपये तक के खर्च पर टीसीएस नहीं कटता. ऐसे खर्च पर टीसीएस पांच प्रतिशत की दर से कटता है. मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधित भुगतान के लिये टीसीएस से जुड़ी मौजूदा सुविधा जारी रहेगी.

वित्त मंत्रालय ने बताया कि फेमा कानून में बदलाव करने का मकसद डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भेजी गई रकम के टैक्स संबंधी पहलुओं में समानता लाना है. इससे विदेश में खर्च की गई राशि पर लागू दरों पर ‘स्रोत पर कर संग्रह' (टीसीएस) किया जा सकेगा. मंत्रालय के मुताबिक, आरबीआई ने भी कई बार सरकार को इस बारे में लिखा था कि विदेश में डेबिट और क्रेडिट से किए जाने वाले पेमेंट को लेकर अलग बर्ताव खत्म किया जाना चाहिए. 

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