वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने गुरुवार को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public Private Partnership) वाली परियोजनाओं के लिये पैनल में शामिल लेन-देन सलाहकारों के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों को जागरूक करने को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने जुलाई में पीपीपी परियोजनाओं के लेनदेन में परियोजना को प्रायोजित करने वाले प्राधिकरणों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिये 12 लेन-देन सलाहकारों को सूचीबद्ध किया था. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को बढ़ाने को लेकर एक अनुकूल परिवेश बनाने की बात कही थी.
इस कार्यशाला में केंद्र और राज्य सरकारों के 250 से भी अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. आधिकारिक बयान के अनुसार, कार्यशाला के दौरान इन अधिकारियों को देश में अवसंरचना के विकास को बढ़ावा देने में पीपीपी की महत्वपूर्ण भूमिका और केंद्र सरकार की तरफ से उठाए जा रहे प्रमुख कदमों के बारे में बताया गया.
आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के अधिकारियों को बताया कि भरोसेमंद पीपीपी परियोजनाओं को सही स्वरूप देने के लिये पैनलबद्ध लेन-देन सलाहकारों से सहायता ली जा सकती है. अधिकारियों को डीईए की तरफ से तैयार नियमावली के बारे में भी बताया गया. यह पीपीपी परियोजनाओं के लिये लेन-देन सलाहकार को लेकर बनायी गयी नियामवली है. यह नियमावली दरअसल एक दिशानिर्देश है जिसका उल्लेख परियोजना प्रायोजक अधिकारी किसी लेन-देन सलाहकार को शामिल करने के लिये कर सकते हैं.