"हिंदुओं के खिलाफ": निर्मला सीतारमण का I.N.D.I.A गठबंधन पर जोरदार हमला

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि सबसे पुरानी पार्टी उन समूहों का समर्थन करती है जो "भारत को तोड़ना" चाहते हैं.

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वित्त मंत्री ने जी20 की कामयाबी का भी किया जिक्र

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि द्रमुक और विपक्षी गठबंधन भारत, हिंदुओं और 'सनातन धर्म' (Sanatan Dharma) के खिलाफ हैं. सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए सनातन धर्म को दोषी ठहराया है और कहा कि इसे ख़त्म किया जाना चाहिए. सीधे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि सबसे पुरानी पार्टी उन समूहों का समर्थन करती है जो "भारत को तोड़ना" चाहते हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी पार्टी के अन्य सहयोगियों ने भी हाल ही में कांग्रेस, नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर भी निशाना साधा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा, "मंत्री ने खुले तौर पर कहा कि यह सनातन धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि सनातन धर्म को मिटाने के लिए है." एनडीटीवी से बात करते हुए, मंत्री ने आरोप लगाया कि "सनातन विरोधी डीएमके की स्पष्ट नीति है".

दिल्ली घोषणा पर वित्त मंत्री ने क्या कहा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि G20, जो मूल रूप से एक वित्तीय मंच है, उसने क्रिप्टो, वैश्विक ऋण, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा मंच और विश्व बैंक में सुधार की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर सामूहिक कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि भारत सभी मुद्दों पर आम सहमति बनाने में कामयाब रहा और वह दिल्ली घोषणा से "बहुत संतुष्ट" हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त ट्रैक का जी20 में महत्वपूर्ण योगदान है और भारत के राष्ट्रपति ने, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्देशित, एक सुविचारित तरीके से कहा है कि बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है. क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित करने जैसे मुद्दों पर, अगर देश "अलग-थलग प्रयास" करते हैं तो यह अच्छा नहीं है.  उन्होंने कहा, "हमें सामूहिक कार्रवाई और चर्चा की जरूरत है."

फोरम में पीएम मोदी को वैश्विक दक्षिण की आवाज बताते हुए सीतारमण ने कहा कि मध्यम आय वाले देश कर्ज से पीड़ित हैं, और हमारे पास विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाएं नहीं हो सकती हैं, लेकिन इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया है.

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