दिल्ली के बजट से पहले केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वे पेश किया. इस सर्वे में साल 2023 -24 में दिल्ली की GSDP (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 11,07,746 करोड़ अनुमानित बताया गया है. बता दें कि GSDP में पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 9.17 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिल्ली की GSDP 10,14,000 करोड़ रही थी.कोरोना काल के दौरान वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिल्ली की GSDP में 8.76 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. जबकि 2022-23 में 7.85 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी. दिल्ली की आबादी का देश की आबादी में महज़ 1.5 फ़ीसदी हिस्सा है लेकिन देश की GDP में कॉन्ट्रिब्यूशन 4 फ़ीसदी है.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3.70 लाख रुपए थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 4.61 लाख रुपया पर पहुंच गई है. पिछले दो साल में प्रति व्यक्ति आय में 22 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय के मुक़ाबले दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय ढाई गुना ज़्यादा है.
वित्त मंत्री आतिशी ने आर्थिक सर्वे पेश करते हुए कहा कि हमारे लिए यह साल ऐसा रहा है कि उपराज्यपाल और अधिकारियों ने केजरीवाल सरकार के काम रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मोहल्ला क्लिनिक के पैसे रोके गए, फ़रिश्ते स्कीम रोकी गई, विधानसभा तक के रिसर्च फेलो हटा दिए गए. उन्होंने आगे कहा कि सप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के आठ दिन बाद ही अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार के अधिकार केंद्र ने ले लिए. अधिकारियों पर दबाव बनवाकर काम रुकवाए गए.
लेकिन इकनॉमिक सर्वे तो डाटा है इसे उपराज्यपाल नहीं रोक सकते हैं. आज 2024-24 का इकनॉमिक सर्वे दिखा रहा है कि दिल्ली वालों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है, बजट मुनाफ़े में हैं. आज इसलिए इस सर्वे के साथ अपना वक्तव्य रख रही हूँ कि केंद्र और LG जान लें कि केजरीवाल रुकने वाला नहीं है.