केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)के नेतृत्व में तीसरी बार NDA सरकार बन चुकी है. मंत्रिपरिषद का गठन हो चुका है. सोमवार को कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों में विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया. निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को दूसरी बार वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी परीक्षा आगामी बजट को लेकर होगी. बजट में उन्हें अगले साल के लिए एक रोडमैप पेश करना होगा. इस बीच वित्त आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि निर्मला सीतारमण को बजट के अलावा और किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
वित्त आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने NDTV को दिए खास इंटरव्यू में बताया, "आपके पास मशीनरी है. आपके पास फार्मास्यूटिकल्स हैं. आपके पास पेट्रोलियम रिफाइनिंग है. ये पूंजी अवशोषित करते हैं. इसके बाद भी ये पर्याप्त श्रमिकों को प्रभावित नहीं करते हैं."
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उन्होंने कहा, "रोजगार सृजन का संबंध उद्योग और खासकर मैन्युफैक्चरिंग से है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह वह जगह है, जहां आप अच्छी नौकरियां पैदा करते हैं. यहां फोकस पहले की तुलना में थोड़ा ज्यादा शिफ्ट हो सकता है."
पनगढ़िया ने कहा, "इसलिए कुछ इंडस्ट्रियल स्ट्रक्चर को उन इंडस्ट्री की ओर थोड़ा और पुश करना होगा, जो पूंजी की प्रति इकाई अधिक श्रमिकों को रोजगार देते हैं. मुझे लगता है कि यह हमारी चुनौती है."
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अरविंद पनगढ़िया ने कहा, "यह बजट सिर्फ वित्त नहीं बल्कि नीति का ब्योरा है. निर्मला सीतारमण को विभिन्न घटकों को एक साथ लाना होगा. आर्थिक नीति का रोडमैप दिखाना होगा, क्योंकि यह एक पूर्ण बजट होने जा रहा है. देश की निगाह इसपर टिकी रहेगी."
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