फाइबरनेट घोटाला मामला : चंद्रबाबू नायडू को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, कहा - नहीं होगी गिरफ्तारी

आंध्र प्रदेश पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित मामला शीर्ष अदालत में लंबित होने के कारण वह फाइबरनेट मामले में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करेगी.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने फाइबरनेट घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. बता दें कि चंद्रबाबू नायडू इन दिनों कौशल विकास घोटाला मामले में जेल में हैं. 

नोटिस भी किया गया जारी

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान याचिका पर नोटिस जारी किया था. उस दौरान भी कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकती. इसी मामले में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने नायडू को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. आंध्र प्रदेश सरकार के वकील ने नोटिस स्वीकार भी कर लिया था. सरकार ने आश्वासन दिया था कि राज्य इस बीच इस मामले में पूर्व सीएम को गिरफ्तार नहीं करेगा. 

पुलिस ने कोर्ट में कही थी ये बात

बता दें कि कुछ दिन पहले ही आंध्र प्रदेश पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित मामला शीर्ष अदालत में लंबित होने के कारण वह फाइबरनेट मामले में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करेगी. आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ को बताया था कि राज्य इस मामले में निचली अदालत से स्थगन का अनुरोध करेगा, जहां नायडू को 16 अक्टूबर को पेश किया जाना है.

विजयवाड़ा में विशेष भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो की अदालत ने 12 अक्टूबर को पेशी वारंट जारी किया था और राज्य पुलिस से नायडू को 16 अक्टूबर को उसके सामने पेश करने को कहा है. पीठ ने नायडू की नई याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के नौ अक्टूबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें फाइबरनेट मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

नायडू ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें 16 अक्टूबर को अदालत में पेशी के बाद अपनी गिरफ्तारी की आशंका है. फाइबरनेट मामला अपनी पसंद की कंपनी को 330 करोड़ रुपये की ‘एपी फाइबरनेट' परियोजना के चरण-1 के तहत कार्य आदेश आवंटित करने में निविदा में कथित हेरफेर से संबंधित है.

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