कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध कर रहीं किसान यूनियनों ने 26 मार्च को पूर्ण भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. बयान के अनुसार, बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे के कार्यक्रमो की रूपरेखा तय की गई, इसके तहत 15 मार्च को कॉरपोरेट विरोधी दिवस व सरकार विरोधी दिवस मनाया जाएगा जिसमे डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामों के खिलाफ DM और SDM को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसी दिन देशभर के रेलवे स्टेशनों पर मजदूर संगठनों के साथ निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसी क्रम में 17 मार्च को मजदूर संगठनों व अन्य संगठनों के साथ 26 मार्च के प्रस्तावित भारत बंद को सफल बनाने के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी.
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संयुक्त किसान मोर्चा के बयान के अनुसार, 19 मार्च को मुज़ारा लहर का दिन मनाया जाएगा और FCI और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देशभर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बोर्डर्स पर किसानों के धरनों पर शामिल होंगे.26 मार्च को इस अन्दोलन के 4 महीने होने पर पूर्ण रूप से भारत बंद किया जाएगा .28 मार्च को देशभर में होली दहन में किसान विरोधी कानून जलाए जाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की जनता का धन्यवाद करती है जिन्होंने किसान विरोधी भाजपा व जजपा सरकार के खिलाफ अपनी पूरी ताकत दिखाई.
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बयान में कहा गया है कि यह किसान आंदोलन पूर्ण रूप से शांतिप्रिय है. कुछ वेबसाइट को “SARBLOH RANSOMWARE” नामक सॉफ्टवेयर से किसान आंदोलन संबंधित धमकी भरे संदेश भेजे जा रहे है जो कि संयुक्त किसान मोर्चा या पंजाब के किसान संगठनों से संबंधित नहीं है. किसान आंदोलन के नाम पर इस तरह की हड़ताल के तरीकों का हम समर्थन नहीं करते. कल किसान मजदूर जागृति यात्रा काशीपुर से शुरू होकर दिनेशपुर पहुंची, जिसमें बड़ी संख्या में ट्रैक्टरो, चार पहिया गाड़ियों तथा दो पहिया वाहनों ने हिस्सा लिया. 11 से 15 मार्च में बिहार में किसान यात्राएं निकाली जाएगी जिसका समापन 18 मार्च को सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर पटना में विधानसभा मार्च में होगा जिसमें हज़ारो किसान भाग लेंगे. इसी क्रम में कोलकाता में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य नारा था "नो वोट टू बीजेपी". रैली में मंजीत सिंह धनेर, हरनेक सिंह, रमिंदर सिंह पटियाला, सुरेश खोथ, मंजीत सिंह राय, अभिमन्यु कोहर, रंजीत राजू आदि किसान नेताओं ने भाग लिया. इस रैली में 10 हजार से अधिक छात्रों, युवाओं, किसानों, श्रमिकों व जागरूक नागरिको ने भाग लिया.