किसान आंदोलन : हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा बहाल, दिल्‍ली के सील बॉर्डर भी आंशिक तौर पर खुले

इंटरनेट सेवा ही नहीं दिल्ली के सील बार्डर पर भी थोड़ी राहत की खबर है. सिंधु और टिकरी बार्डर के सर्विस रोड खोले जा रहे हैं ताकि लोगों को कुछ सहूलियत मिले. 

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नई दिल्‍ली:

Farmers Protest : फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित विभिन्‍न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली मार्च फिलहाल 29 फरवरी तक टाल दिया गया है. इसके चलते हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है और कुछ रास्तों को भी खोला जा रहा है. साथ ही दिल्‍ली के सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर सर्विस रोड खोले जा रहे हैं, जिसके कारण आम लोगों ने राहत की सांस ली है. 

शंभु और खनौरी बार्डर पर प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर बैठे हैं. फिलहाल शुभकरण नाम के किसान को शहीद का दर्जा और हरियाणा पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन पंजाब में चल रहे धरने से हरियाणा और केंद्र सरकार ने जरूर राहत की सांस ली है. हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है, जिससे छात्रों और तमाम लोगों की दिक्‍कत कम हुई है. 

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अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी को सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं और 13, 15, 17, 19, 20, 21, 23 और 24 फरवरी को निलंबन की अवधि को बढ़ाया गया था. 

इंटरनेट के साथ दिल्‍ली के बॉर्डर से भी राहत की खबर 

इंटरनेट सेवा ही नहीं दिल्ली के सील बार्डर पर भी थोड़ी राहत की खबर है. सिंधु और टिकरी बार्डर के सर्विस रोड खोले जा रहे हैं ताकि लोगों को कुछ सहूलियत मिले. हालांकि प्रदर्शन कर रहे किसानों की वजह से अब भी दिल्ली से पंजाब जाना आसान नहीं है. सिंधु बार्डर के अलावा हरियाणा में अंबाला से पहले शाहबाद और लालडू दो जगह पर पुलिस की अब भी कड़ी मोर्चाबंदी है.

अभी तक नहीं हो सका है शुभकरण का पोस्‍टमार्टम 

उधर किसान संगठनों ने 21 फरवरी को हिंसा में जान गंवाने वाले शुभकरण का अब भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है. किसान संगठन मृतक किसान को शहीद का दर्जा और हरियाणा पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े हैं. अब 29 फरवरी को पता चलेगा कि किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली मार्च करेंगे या नहीं. 

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. 

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