किसानों की मांगों पर निकलेगा क्या हल? हाई पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी

पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर से शुरू करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की मंगलवार को हुई बैठक में मार्च के संबंध में निर्णय लिया गया.

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नई दिल्ली:

किसान आंदोलन मामले में हाई पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट सौंपने वाली हाई पावर्ड कमेटी सुप्रीम कोर्ट ने गठित की थी. जिसने शंभू बॉर्डर के हालात और किसानों की मांगों का समाधान निकालने के लिए अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है. हालांकि अभी फाइनल रिपोर्ट बाकी है, इस रिपोर्ट में किसान संगठनों के साथ बैठकों को लेकर जानकारी दी गई है. कमेटी ने 11-12 दिसंबर को चंडीगढ़ में पंजाब व हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी की बैठक बुलाई है.

बैठक के लिए भेजा गया निमंत्रण

इसमें सुझाव दिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के को-ऑर्डिनेटर जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंढेर को बैठक के लिए बुलाया जाए. दोनों से अनुरोध किया गया कि बैठक के लिए सुविधाजनक तारीख और समय बताएं, लेकिन इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. 18 अक्टूबर को हरियाणा निवास में बैठक बुलाने का निमंत्रण भेजा गया. किसान नेताओं ने कमेटी के साथ चर्चा के लिए आने में असमर्थता जाहिर की.

बैठक से पहले किसान यूनियन पीछे हटी

जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कमेटी के अध्यक्ष को बैठक में भाग लेने की इच्छा से अवगत कराया और प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसानों की सूची भी भेजी. हालांकि बैठक होने से कुछ घंटे पहले किसान यूनियन पीछे हट गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 नवंबर को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में तय बैठक के लिए फिर से निमंत्रण भेजा गया है. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर- राजनीतिक) का प्रतिनिधित्व करने वाले 12 किसानों का प्रतिनिधिमंडल आया. 

कमेटी से किसानों का क्या अनुरोध

उन्होंने 13 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया और कमेटी से अनुरोध किया कि वह इन्हें लागू करने की आवश्यकता से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराए. मांगों पर चर्चा की गई और कमेटी ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को मांगों की जांच या विश्लेषण करने और इसे सुप्रीम कोर्ट के ध्यान में लाने का आश्वासन दिया. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कमेटी इस मामले में विरोध प्रदर्शन में भाग ना लेने वाले किसान संगठनों व इस मुद्दे पर बात रखने के इच्छुक संगठनों से भी बैठक करना चाहती है.

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