किसान आंदोलन का आज 59वां दिन है. (फाइल फोटो)
सरकार और किसानों के बीच शुक्रवार को वार्ता तब अटक गई, जब किसान नेता तीनों नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को पूरी तरह वापस लिए जाने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मांग पर लगातार अड़े रहे. उन्होंने कृषि कानूनों को निलंबित रखने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इस बीच, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसान नेताओं के अड़ियल रवैये के लिए बाहरी ताकतें जिम्मेदार हैं और जब आंदोलन की शुचिता खो जाती है तो कोई भी समाधान निकलना मुश्किल होता है. 11वें दौर की वार्ता के बेनतीजा रहने के साथ ही किसान नेताओं ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. अब किसानों का फोकस 26 जनवरी को बुलाई गई ट्रैक्टर रैली पर है. बताया जा रहा है कि किसान नेता आज इस मुद्दे पर बैठक करने वाले हैं.
किसान आंदोलन से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- वार्ता के पिछले 10 दौर के विपरीत शुक्रवार को हुई 11वें दौर की बातचीत में अगली बैठक की कोई तारीख तय नहीं हो पाई और दोनों पक्षों ने अपने रुख को कड़ा कर लिया. सरकार ने किसान यूनियनों से कहा कि यदि वे कानूनों को निलंबित रखने पर सहमत हों तो शनिवार तक बता दें तथा बातचीत इसके बाद ही जारी रह सकती है.
- सरकार ने बुधवार को पिछले दौर की वार्ता में किसानों के दिल्ली की सीमाओं से अपने घर लौटने की स्थिति में कानूनों को एक से डेढ़ साल के लिए निलंबित रखने तथा समाधान ढूंढ़ने के लिए संयुक्त समिति बनाने की पेशकश की थी. किसान नेताओं ने हालांकि कहा था कि वे नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम किसी बात को नहीं मानेंगे.
- किसान नेताओं ने शुक्रवार को हुई बैठक के बाद कहा कि भले ही बैठक पांच घंटे चली, लेकिन दोनों पक्ष मुश्किल से 30 मिनट के लिए ही आमने-सामने बैठे. बैठक की शुरुआत में ही किसान नेताओं ने सरकार को सूचित किया कि उन्होंने बुधवार को पिछले दौर की बैठक में सरकार द्वारा रखे गए प्रस्ताव को खारिज करने का निर्णय किया है.
- भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने कहा कि कानूनों को निलंबित रखने की अवधि दो साल तक विस्तारित की जा सकती है, लेकिन यूनियन तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने तथा फसलों की खरीद पर एमएसपी की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मांगों पर अड़ी रहीं.
- केंद्रीय मंत्रियों ने किसान यूनियनों से कहा कि उन्हें सभी संभव विकल्प दिए गए हैं और उन्हें कानूनों को निलंबित रखने के प्रस्ताव पर आपस में आंतरिक चर्चा करनी चाहिए. कृषि मंत्री तोमर ने 11वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद अफसोस जताया और कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आरोप लगाया कि कुछ ताकतें हैं, जो अपने निजी एवं राजनीतिक हितों के चलते आंदोलन को जारी रखना चाहती हैं.
- नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘‘एक से डेढ़ बरस तक कानून को स्थगित रख समिति बनाकर आंदोलन में उठाए गए मुद्दों और पहलुओं पर विचार विमर्श कर सिफारिश देने का प्रस्ताव बेहतर है. उसपर आप विचार करें. यह प्रस्ताव किसानों के हित में भी है. इसलिए हमने कहा, आज वार्ता खत्म करते हैं. आप लोग अगर निर्णय पर पहुंच सकते हैं तो कल अपना मत बताइए. निर्णय घोषित करने के लिए आपकी सूचना पर हम कहीं भी इकट्ठा हो सकते हैं और उस निर्णय को घोषित करने की आगे की कार्रवाई कर सकते हैं.''
- यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें (नरेंद्र सिंह तोमर) लगता है कि किसान संगठन सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई अनुमान नहीं लगाता लेकिन मैं आशावान हूं. मुझे उम्मीद है कि किसान संगठन हमारे प्रस्ताव पर सकारात्मक विचार करेंगे. किसानों के हित में विचार करने वाले लोग सरकार के प्रस्ताव पर जरूर विचार करेंगे.''
- भारतीय किसान यूनियन (असली अराजनीतिक) के अध्यक्ष हरपाल सिंह ने कहा, ‘‘यदि हम सरकार की पेशकश को स्वीकार कर लेते हैं, तो दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हमारे साथी भाई कानूनों को रद्द करने के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे. वे हमें नहीं बख्शेंगे. हम उन्हें क्या उपलब्धि दिखाएंगे. हम यहां मर जाएंगे, लेकिन कानूनों को रद्द कराए बिना वापस नहीं लौटेंगे.''
- किसान संगठनों ने 11वें दौर की बैठक खत्म होने के बाद कहा कि वे अब अपना आंदोलन तेज करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक के दौरान सरकार का रवैया ठीक नहीं था. किसान नेताओं ने यह भी कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली योजना के अनुरूप निकाली जाएगी और यूनियनों ने पुलिस से कहा है कि इस दौरान शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है.
- पंजाब और हरियाणा के किसानों के कई जत्थे कुछ दिनों के पूर्वाभ्यास और तैयारियों के बाद 26 जनवरी को दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को निकलेंगे. केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान यूनियनों ने कहा है कि वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में अपनी ट्रैक्टर परेड करेंगे. यूनियनों ने दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालने की घोषणा की है.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra में आज 14 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, नवी मुंबई से हुई गिरफतारी