मुंबई की तरफ कूच कर रहे किसानों ने आज अपना आंदोलन वापस ले लिया है. भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता और मोर्चे का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक जेपी गावित ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा की. गावित ने बताया कि सरकार ने जो वादा किया वो फौरी तौर पर पूरा होता दिख रहा है, क्योंकि नासिक और दुसरे कई जगहों पर कलेक्टर ने विजिट करना शुरू कर दिया है.
हमें डर था कि सरकार सिर्फ आश्वासन देगी, काम नहीं करेगी, लेकिन अब जब सरकार ने उस संबंध में उचित कार्यवाही शुरू कर दी है तो हमने अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा की है. सभी किसान वापस अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं.
हालांकि, दुखद बात यह रही कि मोर्चे में शामिल 58 साल के एक किसान पुण्डलिक अंबो जाधव की कल रात मौत हो गई. मोर्चे के संयोजक और अखिल भारतीय किसान सभा (AKIS) के नेता अजीत नवले के मुताबिक पुण्डलिक शुरू से मोर्चे में शामिल थे. मोर्चे में लगातार चलने से उनकी तबीयत खराब हो गई थी.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान सदन को सूचित किया था कि उन्होंने एक किसान प्रतिनिधिमंडल से 14 सूत्रीय मांगों पर चर्चा की है, जिनमें वन पर अधिकार, वन भूमि पर अतिक्रमण, मंदिर न्यासों और चारागाह की जमीन किसानों को हस्तांतरित करने की मांग शामिल है. किसानों से विरोध-प्रदर्शन रोकने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि लिए गए फैसलों को तत्काल लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश और कम कीमत की वजह से नुकसान का सामना कर रहे प्याज उत्पादकों को प्रति कुंतल 350 रुपये की दर से वित्तीय राहत दी जाएगी.
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