किसानों को सरकारी योजना का पता नहीं, उनके नाम पर हड़प लिए गए डेढ़ करोड़ रुपये

उत्तराखंड में घोटाला : सरकारी अधिकारी और निजी कंपनी ने मिलीभगत करके प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के 1.5 करोड़ रुपये हड़प लिए

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
देहरादून:

उत्तराखंड में एक अजीबो-गरीब घोटाला समाने आया है जिसमें एक मृत किसान के नाम पर सरकारी योजना का पैसा हड़प लिया गया. इस मामले में फर्जी हस्ताक्षर करके प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राशि हड़पी गई. बड़ी बात यह है कि यह घोटाला जिस गांव में हुआ वहां के किसानों ने इस योजना के लिए आवेदन भी नहीं किया था. सिल्ला गांव देहरादून से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर है.

देहरादून के रायपुर ब्लॉक के मसूरी विधानसभा क्षेत्र के सिल्ला गांव में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. सिल्ला गांव में 30 किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया.

किसान किशोरी लाल से NDTV ने उनके नाम पर बने शपथ पत्र पर उनके हस्ताक्षर के बारे में जानकारी ली. उन्होंने साफ तौर पर इनकार करते हुए बताया कि यह उनके हस्ताक्षर नहीं हैं. किशोरी लाल का एक हस्ताक्षर भी कराया गया जो कि फार्म पर किए गए हस्ताक्षर से मिलान नहीं कर रहा था.

राजमती देवी के पति हंसराम नौटियाल ने बताया कि उनकी पत्नी साक्षर नहीं है और जरूरत पड़ने पर अंगूठा लगाती है, लेकिन उनके शपथ पत्र पर राजमती देवी के साइन किए गए थे.

दिवंगत किसान रामप्रसाद के नाम पर भी 1.16 लाख रुपये हड़प लिए गए. सिल्ला गांव के किसान रामप्रसाद के बारे में गांव वालों ने बताया अब वे जीवित नहीं हैं.

योजना के नाम पर कुल करीब डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है. इस योजना को केवल कागजों पर अंजाम दे दिया गया गया जबकि वास्तव में जिन किसानों को इस योजना का लाभ मिलना था, जिनके नाम पर अनुदान दिया जाना था उन्हें इस योजना की खबर तक नहीं थी.

Advertisement

उत्तराखंड के कृषि मंत्री ने इस मामले पर कहा कि जो दोषी मिलेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि इस मामले की जानकारी है और इंतजार कीजिएगा कड़ी कार्रवाई की जाएगी और बक्शा नहीं जाएगा.

Featured Video Of The Day
Sambhal Violence: नरसंहार का खूनी मंजर, सच कितना अंदर? | Sambhal News | Sawaal India Ka
Topics mentioned in this article