कृषि कानूनों (farm laws) की वापसी के ऐलान के बाद किसान जोशोखरोश से बाकी से जुड़े मुद्दों पर आगे लड़ाई के लिए तैयारी में जुट गए हैं. यही वजह है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के आगे के कार्यक्रमों को जारी रखने का फैसला किया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सोमवार को लखनऊ की महापंचायत (lucknow mahapanchayat) में होंगे. इसके साथ ही 29 नवंबर को संसद चलो (sansad chalo) का आह्वान किया गया है. उसी दिन से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है.
कृषि कानूनों की वापसी पर जल्दबाजी में सरकार, बुधवार को मोदी कैबिनेट देगी मंजूरी - सूत्र
किसान नेता ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा आगे की रणनीति का ऐलान कर सकता है. 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी. किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती है और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ''टेनी'' को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
लखनऊ में किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए प्रदेश के जिलों से किसानों का दल रवाना होने लगा है. लखनऊ के बंगला बाजार (पुरानी जेल रोड) स्थित इको गार्डन में होने वाली महापंचायत में आने वाले किसानों के खाने-पीने के लिए आयोजकों ने इंतजाम किया है. महापंचायत स्थल पर तीन बड़े लंगर लगाए गए हैं. जरूरत के हिसाब से एक और बड़ा लंगर लगाया जाएगा. किसानों को पीने के पानी के लिए टैंकर और पानी की बोतलों का इंतजाम किया गया है. यूपी पुलिस ने भी इस आयोजन की सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारी की है.
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने रविवार को कहा कि सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किए गए हैं. भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. यातायात के लिए भी व्यापक तैयारी की गई है. भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसानों से यहां आने की अपील की है. टिकैत 'चलो लखनऊ-चलो लखनऊ' नारे के साथ ट्वीट किया.
टिकैत ने कहा, ‘सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे नकली एवं बनावटी हैं. इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है. कृषि एवं किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा.' भाकियू की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन कानूनों को वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कब कानून बनाएंगे.