सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन से निपटने के तरीके पर सोमवार को केंद्र पर नाराजगी जताई और कहा कि किसानों के साथ उसकी बातचीत के तरीके से वह ‘बहुत निराश' है. न्यायालय ने यह भी कहा कि इस विवाद का समाधान खोजने के लिये वह अब एक समिति गठित करेगा. समिति के गठन पर किसान नेता ने मंजीत राय ने एनडीटीवी से कहा कि हम लोग शुरू से ही समिति बनाने के पक्ष में नहीं हैं. इससे मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा. हम सुप्रीम कोर्ट से कानूनों को रद्द करने का आदेश देने की मांग करते हैं.
आप लोग समिति क्यों नहीं चाहते हैं, इससे क्या ग़लत संदेश नहीं जाएगा? इस पर भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के नेता मंजीत सिंह राय ने कहा, "हम लोग शुरू से ही समिति बनाने के पक्ष में नहीं हैं. सरकार ने हमें पहले भी समिति में आने के लिए कहा था, हमने मना कर दिया था. हम सुप्रीम कोर्ट से कानूनों को रद्द करने का आदेश देने की मांग करते हैं.
यह पूछे जाने पर कि आपके रवैये से यह संदेश जाएगा कि आप सुप्रीम कोर्ट की भी बात नहीं मान रहे हैं, इसके
जवाब में राय ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट का पूरा सम्मान करते हैं. समिति बनाने से यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा. ये कानून असंवैधानिक तौर पर बनाए गए हैं. आप कानून रद्द करिए फिर हमसे आकर बात करिए."
उन्होंने कहा कि हमारे वकील हमारी यही बातें कोर्ट में रखेंगे. हम फ़ैसले का इंतज़ार कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष में ही फ़ैसला देगा.