इन वजहों से हमेशा चर्चा और विवादों में रहे हैं भारतीय मूल के मशहूर ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्‍दी

सलमान रुश्दी को तीस साल से ज्यादा समय पहले अपने विवादास्पद उपन्यास 'द सैटनिक वर्सेज' के लिए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई का फतवा भी झेलना पड़ा.

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नई दिल्ली:

अमेरिका के न्‍यूयॉर्क शहर में एक कार्यक्रम के दौरान मशहूर लेखक सलमान रुश्‍दी (Salman Rushdie) पर मंच पर लेक्चर देने के दौरान हमला किया गया. भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक रुश्‍दी 1980 के दशक में अपनी पुस्‍तक Satanic Verses को लेकर विवादों में आए थे. इस पुस्‍तक को लेकर मुस्लिम समाज में काफी आक्रोश था, एक धार्मिक नेता ने तो उनकी मौत पर फतवा भी जारी कर दिया था. इसके बाद से ही रुश्‍दी लगातार मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे थे. सलमान रुश्दी का जन्म 19 जून, 1947 को मुंबई में हुआ था. वो अपनी किताबों से ज्‍यादा विवादों और शादियों के कारण चर्चा में रहे हैं. सलमान रुश्‍दी ने चार शादियां की, लेकिन इसमें से कोई भी नहीं चली.

सलमान रुश्‍दी की पढ़ाई
सलमान रुश्‍दी के पिता अनीस अहमद रुश्‍दी और मां नेगीन भट्ट हैं. सलमान रुश्दी जन्म के कुछ समय बाद ही ब्रिटेन चले गए थे, जहां इंग्लैंड के रगबी स्कूल में उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ली. इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इतिहास का अध्ययन किया. साहित्यकार बनने से पहले सलमान दो ऐड एजेंसियों में कॉपी राइटर का काम कर चुके थे.

सलमान रुश्‍दी की शादियां
सलमान रुश्‍दी ने पहली शादी 1976 में क्‍लेरिसा लुआर्ड से की थी. ये शादी करीब 11 साल (1987) तक चली. सलमान और क्लेरिसा का एक बेटा जफर है, जिसका जन्म 1979 में हुआ था. 4 नवंबर, 1999 में क्लेरिसा की मौत हो गई थी. इसके बाद सलामन रुश्‍दी ने 1988 में अमेरिकी उपन्यासकार मारिऑन विगिंस से की, लेकिन 1993 में दोनों का तलाक हो गया था.

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इसके बाद रुश्‍दी ने 1997 में उम्र में 14 साल छोटी एलिजाबेथ वेस्ट से शादी की, लेकिन ये शादी भी ज्‍यादा दिन नहीं चली और 2004 में दोनों का तलाक हो गया. दोनों का एक बेटा मिलान है, जिसका जन्म साल 1999 में हुआ था. 2004 में एलिजाबेथ से तलाक के बाद सलमान रुश्‍दी ने उसी साल एक्ट्रेस पद्मा लक्ष्मी से शादी की, लेकिन 2 जुलाई, 2007 को ये शादी भी टूट गई.

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सलमान रुश्‍दी के फेमस उपन्यास
सलमान ने अपना पहला उपन्यास 'ग्राइमल' साल 1975 में लिखा था, जिसे ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली. लेकिन उनके अगले उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' (1981) ने उन्हें रातों-रात प्रसिद्धि दिला दी. रुश्दी की इस किताब को पिछले 100 सालों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ किताबों में से एक माना गया था. इसके लिए उन्हें 1981 में ही बुकर सम्मान प्राप्त हुआ. इसी उपन्यास के लिए उन्हें 1993 और 2008 में भी पुरस्कार मिले. इसके बाद उन्होंने 'शेम' (1983), 'द जगुआर स्माइल' (1987), 'द सैटेनिक वर्सेज' (1988), 'ईस्ट-वेस्ट' (1994), 'द मूर्स लास्ट साई' (1995), 'द ग्राउंड बिनीथ हर फीट' (1999), 'शालीमार द क्राउन' (2005) जैसी प्रमुख और बेहतरीन रचनाएं लिखीं, जिनके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले.

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सलमान रुश्दी को तीस साल से ज्यादा समय पहले अपने विवादास्पद उपन्यास 'द सैटनिक वर्सेज' के लिए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई का फतवा भी झेलना पड़ा. उन्हें साहित्य जगत में सेवा के लिए, ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth II) द्वारा 'कम्पेनियन ऑफ ऑनर' (Companion of Honour) से भी नवाजा गया.

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