भारत में कैंसर, लीवर की मिली नकली दवाइयों की पैकिंग यूके और आयरलैंड में हुई

डीसीजीआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को यकृत की दवा ‘डेफिटेलियो’ और टाकेडा फार्मास्यूटिकल्स की कैंसर की दवा ‘एडसेट्रिस’ (इंजेक्शन) के नकली संस्करणों की बिक्री व वितरण पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है.

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भारत सहित चार अलग-अलग देशों में नकली दवाइयों की मौजूदगी
नई दिल्‍ली:

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोडक्ट अलर्ट के बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने कैंसर के इंजेक्शन एडसेट्रिस और लिवर की दवा डिफिटेलियो को लेकर  सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किये हैं. डीसीजीआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर को इन दोनों दवाइयों की बिक्री पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि देश में कम से कम आठ अलग बैच संख्या में इंजेक्शन के नकली संस्करण प्रचलन में हैं.

रोगी प्रतिकूल असर पड़ने पर रिपोर्ट करें

डीसीजीआई ने पांच सितंबर को एक अलर्ट जारी कर देशभर के दवा नियामकों को रैंडम सैंपल लेने के निर्देश दिए थे. उन्‍होंने डॉक्टरों और हेल्थ केयर प्रोफेशनल को इन दवाइयों को सावधानीपूर्वक लिखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा है कि दवाओं का रोगी प्रतिकूल असर पड़ने पर रिपोर्ट करें. डीसीजीआई ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने भारत सहित चार अलग-अलग देशों से टाकेडा फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित एडसेट्रिस इंजेक्शन 50 मिलीग्राम के कई नकली संस्करण के साथ एक सुरक्षा चेतावनी जारी की है.

दवाई की एक्सपायरी डेट भी गलत...

डीसीजीआई ने कहा है कि जेंटियम एसआरएल द्वारा निर्मित डिफिटेलियो 80 mg/ml भारत और तुर्की में पाई गई है. कहा जा रहा है कि ये दोनों नकली दवाइयां यूके और आयरलैंड में पैक हुई हैं और इनकी एक्सपायरी डेट गलत है. वहीं, ये दोनों असली दवाइयां, जो ठीक है उनकी पैकिंग जर्मनी और ऑस्ट्रिया में हुई है. 

एडसेट्रिस (ब्रेंटक्सिमैब वेदोटिन) एक सीडी30-निर्देशित एंटीबॉडी-दवा संयुग्म है, जिसका इस्तेमाल ऑटोलॉगस स्टेम सेल प्रतिरोपण और प्रणालीगत एनाप्लास्टिक बड़े सेल लिंफोमा की विफलता के बाद हॉजकिन के लिंफोमा वाले रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है.

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