गाजियाबाद के शातिर ठग, जो कई देशों का राजदूत बनकर चला रहा था फर्जी दूतावास.
- गाजियाबाद के कविनगर में हर्ष वर्धन जैन ने नकली दूतावास चलाकर स्वयं को विदेशी देशों का राजदूत बताया था.
- हर्ष वर्धन के पास से फर्जी दस्तावेज, डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, नकदी सहित कई अवैध सामग्री बरामद हुई है.
- आरोपी अंतरराष्ट्रीय हवाला रैकेट में भी सक्रिय था और विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था.
Ghaziabad Nakli Rajdoot: गाजियाबाद में नकली राजदूत बनकर लोगों को चूना लगाने वाले शातिर ठग हर्ष वर्धन जैन (Harsvardhan Jain) के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. हर्ष वर्धन जैन को बुधवार को यूपी STF की टीम ने गिरफ्तार किया. STF द्वारा गिरफ्तारी के बाद हर्ष वर्धन के ऐसे-ऐसे कारनामे सामने आए, जिसे जानकर जांच एजेंसी के अधिकारी भी हैरान हो गए. लग्जरी गाड़ी, आलीशान मकान और हाई प्रोफाइल लाइफ जीने वाला शातिर ठग हर्ष वर्धन खुद को ऐसे देशों का राजदूत बताता था, जो दुनिया में है ही नहीं. उसके घर से उसकी PM मोदी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ वाली तस्वीर भी मिली.
गाजियाबाद के कवि नगर से चला रहा था फर्जी दूतावास
दरअसल यूपी STF की नोएडा यूनिट ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के कविनगर में चल रहे एक फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है. STF ने शातिर ठग हर्ष वर्धन जैन को गिरफ्तार किया, जो खुद को वेस्ट आर्कटिक, सबोरगा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे तथाकथित छोटे देशों का एम्बेसडर बताकर लोगों को धोखा देता था.
सबोरगा, पोल्विया, लोडोनिया, वेस्ट आर्कटिक मान्यता प्राप्त देश नहीं
- यदि इन देशों का नाम आप गूगल पर सर्च करेंगे तो पता चलेगा कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है. गूगल पर सबोरगा (Saborga) सर्च करने पर पता चलता है यह माइक्रोनेशन है, लेकिन इसे देश का दर्जा तक नहीं मिला है. पोल्विया (Palvia) को सर्च करने पर कुछ लोगों के नाम का टाइटल मिलता है.
- गूगल पर लोडोनिया (Ladania) सर्च करने पर यह एक लैब निकला. साथ ही Ladania बिहार के मधुबनी जिले का एक गांव भी है. वेस्ट आर्कटिक (West Arctica) सर्च करने पर पता चला कि यह यूनाइटेड नेशन के लिए काम करने वाली एक NGO है. साथ ही वेस्ट आर्कटिक भी एक माइक्रो नेशन है.
- मतलब कि हर्ष वर्धन जैन उन देशों के राजदूत बनकर लोगों को चूना लगा रहा था, जो दुनिया के नक्शे पर एक देश के रूप में है ही नहीं. गिरफ्तार आरोपी हर्ष वर्धन गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में किराए पर मकान लेकर लंबे समय से फर्जी 'दूतावास' चला रहा था.
घर से पीएम मोदी और कलाम के साथ फर्जी तस्वीर भी मिली
वह खुद को विभिन्न देशों का कॉन्सुल जनरल या एम्बेसडर बताता था. इतना ही नहीं, वह प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य नेताओं के साथ अपनी मॉर्फ की हुई फोटो का प्रयोग कर खुद को प्रभावशाली साबित करता था. एसटीएफ की छापेमारी में हर्ष वर्धन के पास से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और नकदी बरामद हुई है.
इंटरनेशनल हवाला रैकेट में भी शामिल
आरोपी की गतिविधियां केवल दिखावे तक सीमित नहीं थीं, बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय हवाला रैकेट में भी सक्रिय था. वह विभिन्न कंपनियों के माध्यम से प्राइवेट व्यक्तियों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था और इसके बदले ब्रोकरेज के रूप में कमीशन लेता था.
हथियार डीलर अदनाना खगोशी से भी संपर्क
बताया गया कि हर्ष वर्धन का संपर्क चर्चित अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी और चंद्रास्वामी जैसे विवादित व्यक्तियों से भी रहा है. वर्ष 2011 में उसके कब्जे से एक अवैध सैटेलाइट फोन भी बरामद हुआ था, जिस संबंध में थाना कविनगर में मुकदमा दर्ज है.
गाजियाबाद के कविनगर इलाके में स्थित वो कोठी, जहां से चल रहा था फर्जी दूतावास.
डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी 4 गाड़ियां, कई पासपोर्ट, लाखों रुपए कैश जब्त
नोएडा STF को उसके पास से डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी 4 गाड़ियां, विभिन्न देशों के 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मोहर लगे कूटरचित दस्तावेज, 2 फर्जी पैनकार्ड, 34 अलग-अलग कंपनियों और देशों की मोहरें, 2 फर्जी प्रेस कार्ड, 44.70 लाख रुपये नकद, कई देशों की विदेशी मुद्रा, 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और कई कंपनियों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं.
इस पूरे प्रकरण में थाना कविनगर, गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल एसटीएफ की टीम नकली जासूस से पूछताछ करने में जुटी है. वहीं उसके कारनामे सुकर गाजियाबाद कविनगर में उसके बंगले के आस-पास रहने वाले लोग भी हैरान है.
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