राजस्थान में सरकारी नौकरियों में तलाकशुदा महिलाओं के लिए आरक्षित कोटे के दुरुपयोग पर अब सख्ती शुरू हो गई है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने ऐसे मामलों की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) से कराने का फैसला लिया है. बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने NDTV से बातचीत में बताया कि अब तक 12 शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें महिलाओं ने केवल कागजों पर तलाक लेकर इस श्रेणी से नौकरी हासिल की और नियुक्ति के बाद दोबारा शादी कर ली.
उन्होंने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि कई महिलाएं तलाक के बाद अपने पूर्व पति के साथ ही लिव-इन में रह रही हैं. अधिकांश मामले शेखावाटी क्षेत्र के सीकर और झुंझुनू जिलों से जुड़े हैं. पूछताछ में कई महिलाओं ने इस कोटे का लाभ लेने की बात स्वीकार की है. अब इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक रूप से बेनकाब करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.
राज्य सरकार की नौकरियों में तलाकशुदा श्रेणी के लिए कटऑफ अन्य श्रेणियों की तुलना में काफी कम होती है, जिससे कुछ अभ्यर्थी केवल भर्ती प्रक्रिया के दौरान तलाक का दिखावा कर इस कोटे का लाभ उठा लेते हैं. नियुक्ति के बाद वे पुनः विवाह कर लेते हैं, जिससे वास्तविक पात्रों का अधिकार छिन जाता है.
चयन बोर्ड पहले से ही फर्जी डिग्री, फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र और फर्जी खेल प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. अब फर्जी तलाक के मामले भी जांच के दायरे में शामिल किए गए हैं. बोर्ड ने आमजन से अपील की है कि यदि ऐसे किसी मामले की जानकारी हो तो शिकायत दर्ज कराएं, ताकि वास्तविक पात्रों को न्याय मिल सके.