फेसबुक ने BJP सांसद से जुड़े फर्जी अकाउंट नहीं किए ब्लॉक : व्हिसलब्लोअर

तीन साल तक फेसबुक में डाटा साइंटिस्ट के तौर पर काम करने वाली सोफी को साल 2020 में खराब परफॉर्मेंस के चलते बाहर कर दिया. वहीं झांग का कहना है कि फेसबुक पर हो रहे फर्जीवाडे का मुद्दा उठाने पर उन्हें बर्खास्त किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
सोफी झांग ने बताया कि 2019 के आखिर में हमें पांच फर्जी नेटवर्कों के बारे में पता चला था.
नई दिल्ली:

दो हफ्ते पहले अमेरीकी सीनेट कमेटी में फ्रांसिस हॉगन के पेश होने के बाद अब एक और व्हिलसब्लोअर (Whistleblower) ने आरोप लगाते हुए बताया है कि कैसे फेसबुक (Facebook) ने मुनाफा कमाने के लिए फर्जी अकाउंट और गलत जानकारी के जरिए लोगों को गुमराह किया है. एनडीटीवी से बातचीत करते हुए व्हिलसब्लोअर सोफी झांग (Sophie Zhang) ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए फर्जी अकाउंट नेटवर्कों का सहारा लिया. जिसके बाद सिर्फ बीजेपी सांसद से जुड़े नेटवर्क को छोड़कर सभी को फेसबुक से हटा दिया गया. 

बता दें कि तीन साल तक फेसबुक में डाटा साइंटिस्ट के तौर पर काम करने वाली सोफी को 2020 में खराब परफॉर्मेंस के चलते बाहर कर दिया. वहीं झांग का कहना है कि फेसबुक पर हो रहे फर्जीवाडे का मुद्दा उठाने पर उन्हें बर्खास्त किया गया है. हालांकि नौकरी छोड़ने से पहले उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार की जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे फेसबुक मुनाफा कमाने के लिए लोकतंत्र की हत्या कर रहा है. फेसबुक ने इन सभी आरोपों को गलत बताया.

Facebook का नाम बदलेगा ! सोशल मीडिया पर आई मीम्स की बाढ़, लोगों ने मज़ेदार अंदाज़ में बताया नया नाम

Advertisement

एनडीटीवी से बातचीत करते हुए सोफी झांग ने बताया कि 2019 के आखिर में हमें पांच फर्जी नेटवर्कों के बारे में पता चला. जिनमें से दो भाजपा और दो कांग्रेस को समर्थन करने वाले थे. जिनमें से हमने दो कांग्रेस और एक भाजपा के नेटवर्क को हटा दिया था. वहीं आखिरी को हटाने से तुरंत पहले कंपनी ने हमें रोक दिया क्योंकि उन्हें लगा कि चौथा नेटवर्क भाजपा के सांसद से जुड़ा हुआ है. जिसके चलते मैं कुछ नहीं कर सकी.

Advertisement

उन्होंने बताया कि 2020 के जनवरी माह में मैंने हजारों ऐसे अकाउंटों के नेटवर्क का पता लगाया जो प्रो 'आप' मैसेज फैला रहे थे और ये अकाउंट खुद को बीजेपी समर्थक दिखा रहे थे और कह रहे थे कि उन्होंने पीएम मोदी को वोट दिया है लेकिन दिल्ली में वह आम आदमी को सपोर्ट कर रहे हैं. इस पांचवें नेटवर्क को उन्होंने जनवरी में फेसबुक से हटा दिया. मुझे याद है कि सिर्फ भाजपा नेता से जुड़ा नेटवर्क मैं नहीं हटा सकी.

Advertisement

क्या बदलने वाला है Facebook का नाम? मार्क ज़करबर्ग का सपना पूरा करने में जुटी कंपनी, हो सकती है रीब्रांडिंग

Advertisement

साथ ही उन्होंने बताया कि उस पर कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए गए. जानकारी करने पर पता चला कि यह पांचवां फर्जी नेटवर्क एक भाजपा सांसद से जुड़ा है. मैंने जब इस पर भी कार्रवाई करने की बात कही तो यह कहते हुए इनकार कर दिया गया कि यह भाजपा के एक बड़े नेता से जुड़ा हुआ है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से भारत में काम किया जा रहा है. इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि अगर कोई बैंक में डकैती डालता है तो उसे पुलिस पकड़ेगी लेकिन अगर कोई सांसद डकैती डालता है तो उस पर कार्रवाई करने से पहले सोचेगी. क्योंकि उन्हें गिरफ्तार करने मुश्किल होगा. ऐसा ही कुछ फेसबुक पर भी हुआ.

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : आर्यन ख़ान की ज़मानत और कानून के सवाल

Featured Video Of The Day
UPPCS प्रारंभिक परीक्षा में बड़ा बदलाव, मगर RO/ARO पर बनाई कमेटी, छात्र नाराज़ | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article