"जरूरी नहीं है कि दोनों मुद्दे...", अमेरिका, कनाडा के साथ चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर

अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने निखिल गुप्ता पर एक सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

भारत पर लग रहे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की हत्या की साजिश रचने के आरोपों के बीच. विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने रविवार को कहा कि "जरूरी नहीं कि दोनों मुद्दे एक जैसे हों", उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां "हम बहुत जिम्मेदारी के साथ कोई कदम उठाते हैं.  जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मुद्दा यह है अमेरिका ने भी कुछ मुद्दे उठाए हैं हालांकि जरूरी नहीं है कि दोनों मुद्दे एक जैसे हों. 

अमेरिका ने क्या आरोप लगाया है?

गौरतलब है कि अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा का दोहरा नागरिक है को निशाना बनाने की योजना कथित तौर पर भारत की तरफ से की गयी थी. अमेरिका ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ पैसे लेकर हत्या करने की साजिश का केस दर्ज किया है. दोषी पाए जाने पर उसे अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है. 18 नवंबर को भारत सरकार ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था.

गौरतलब है कि सितंबर में कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की "संभावित" भागीदारी के बारे में आरोप लगाए थे. जानकारी के अनुसार कनाडा ने यह आरोप फाइव आइज अलायंस के इनपुट के आधार पर लगाया था. 

क्या है फाइव आइज अलायंस?
'फाइव आइज अलायंस' एक ऐसा इंटेलिजेंस संगठन है जिसमें अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड सहयोगी देश के रूप में काम करते हैं. इस संगठन की अवधारणा बहुत पुरानी है. जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका और यूके के कोड ब्रेकर्स आपस में ऑफिशियल मीटिंग किया करते थे. दोनों देशों की इंटेलिजेंस सिस्टम के सदस्यों ने सीक्रेट मीटिंग करना शुरू कर दिया था, जिनका मकसद विश्व युद्ध को खत्म करने के उद्देश्यों की प्राप्ति था.

ये भी पढ़ें- : 

Featured Video Of The Day
Sanjay Dutt, Atiq Ahmed और Ajmal Kasab को कैद रखने वाली सख्त Jailer Swathi Sathe हुईं रिटायर
Topics mentioned in this article