Explainer : आखिर क्यों मिलिंद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी के बाद अशोक चव्हाण ने भी छोड़ी कांग्रेस ?

चव्हाण या भाजपा की ओर से उन खबरों की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि 65 वर्षीय नेता को आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाएगा.

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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. ऐसी अटकलें हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ नेता को राज्यसभा का टिकट मिल सकता है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे एक पत्र में चव्हाण ने कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा. भोकर सीट से विधायक चव्हाण कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य भी थे. वह नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद भी थे.

चव्हाण ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी में होने वाली किसी भी बात को लेकर सार्वजनिक मंच पर चर्चा नहीं करने जा रहा हूं.” यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल होंगे, चव्हाण ने कहा, “मैंने भाजपा में शामिल होने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, भाजपा की कार्य प्रणाली के बारे में नहीं जानता.” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस छोड़ने का उनका फैसला निजी है और वह इसके लिए कोई कारण नहीं बताना चाहते. चव्हाण ने उन दावों का भी खंडन किया कि संसद में पेश किए गए श्वेत पत्र ने उन्हें कांग्रेस से इस्तीफा देने के लिए प्रेरित किया.

श्वेत पत्र में मुंबई में एक आवासीय सोसाइटी से संबंधित आदर्श सोसाइटी घोटाले का उल्लेख किया गया है, जिसके कारण चव्हाण को 2010 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ना पड़ा था. क्या कांग्रेस के और नेता भी उनके नक्श-ए-कदम पर इस्तीफा देंगे, यह पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि उन्होंने किसी भी कांग्रेस नेता या विधायक से संपर्क नहीं किया है.

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उन्होंने कहा, “ऐसे बहुत से लोग हैं जो मुझसे प्यार करते हैं और मेरा समर्थन करते हैं. उन्होंने मुझसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन मैं जवाब नहीं दे सका. मैंने आज जो निर्णय लिया है, उसे बदला नहीं जाएगा. मुझे नहीं पता कि अन्य विधायक या कांग्रेस नेता क्या सोचेंगे या क्या करेंगे. मैंने उनमें से किसी से भी संपर्क नहीं किया है.”

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पिछले कुछ महीनों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि चव्हाण कांग्रेस छोड़ देंगे, इसलिए उनके इस्तीफे की खबर राज्य के पार्टी नेताओं के लिए पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाली नहीं थी. यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कब पद छोड़ने का फैसला किया, चव्हाण ने कहा, “हर चीज बताने की जरूरत नहीं है”.

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महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का कदम उठाया है.

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हालांकि चव्हाण या भाजपा की ओर से उन खबरों की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि 65 वर्षीय नेता को आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाएगा.

आगे-आगे देखो होता है क्या: देवेंद्र फडणवीस

चव्हाण के भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, “आगे-आगे देखो होता है क्या.” अमरावती से निर्दलीय विधायक रवि राणा ने दावा किया कि 10 से 15 विधायक अशोक चव्हाण के संपर्क में हैं. चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का फैसला उनका निजी फैसला है और वह एक या दो दिन में अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे/.उन्होंने कहा, “मैंने अभी तक भाजपा में शामिल होने का कोई फैसला नहीं किया है.”

मतदाता सबक सिखाएंगे: पृथ्वीराज चव्हाण

चव्हाण के कांग्रेस से इस्तीफा देने पर पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, “मतदाता उन लोगों को सबक सिखाएंगे जिन्होंने उन्हें छोड़ दिया.” वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वह उस मजबूरी से अनजान थे जिसके कारण अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. कभी नहीं सोचा था कि उनके जैसा व्यक्ति ऐसा कदम उठाएगा.''

चव्हाण मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता दिवंगत शंकरराव चव्हाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे.अशोक चव्हाण के कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले दिल्ली पहुंचे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अशोक चव्हाण का नाम लिए बिना कहा, ‘‘इन विश्वासघातियों को इस बात का अहसास नहीं है कि उनके बाहर निकलने से उन लोगों के लिए बड़े पैमाने पर नए अवसर खुलेंगे जिनके विकास को उन्होंने हमेशा अवरुद्ध किया.''

कांग्रेस से इन नेताओं ने दिया है इस्तीफा

कांग्रेस नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी ने भी हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सिद्दीकी मुंबई में कांग्रेस का एक प्रमुख अल्पसंख्यक चेहरा थे जो कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की गठबंधन सरकार के समय मंत्री भी रहे थे. हाल ही के महीनों में पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस पार्टी से अलग होकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हुए हैं.

हाल ही के सालों में कई सारे कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. असम में हिमंत विश्व शर्मा 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे.

ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़, प्रियंका चतुर्वेदी, हार्दिक पटेल, सुष्मिता देव और आरपीएन सिंह जैसे नेताओं ने हाल के वर्षों में कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है. वहीं अब इस सूची में अशोक चव्हाण का नाम भी शामिल हो सकता है