Explainer: भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में क्‍यों आई गिरावट? जानिए कैसे होती है तय

थाईलैंड के अलावा ईरान और मलेशिया ने भी भारतीय पासपोर्ट धारकों को बिना वीजा एंट्री देने का ऐलान किया है. इसके बावजूद हैनली पासपोर्ट इंडेक्स में भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग को कम करना समझ से परे है. 

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पासपोर्ट रैंकिंग में भारत एक पायदान गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गया है.

नई दिल्‍ली:

हैनली पासपोर्ट इंडेक्स (Henley Passport Index) ने अपनी 2024 की रिपोर्ट में भारतीय पासपोर्ट (Indian Passport) की रैंकिंग में गिरावट बताई है. पिछले साल जहां भारत 84वें स्थान पर था, वहीं अब यह एक पायदान गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गया है. हालांकि इस गिरावट को अचंभे के साथ देखा जा रहा है, क्योंकि भारतीय पासपोर्ट पर वीजा फ्री यात्रा या वीजा ऑन अराइवल देने वाले देशों की तादाद में इजाफा हुआ है. 2023 में जहां भारतीय पासपोर्ट धारक 60 देशों की यात्रा बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल लेकर कर सकते थे, वहीं अब वे 62 देशों की यात्रा बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल के जरिए कर सकते हैं. 

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थाईलैंड के साथ ईरान और मलेशिया ने भी भारतीय पासपोर्ट धारकों को बिना वीजा एंट्री देने का ऐलान किया है. इसके बावजूद हैनली पासपोर्ट इंडेक्स में भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग को कम करना समझ से परे है. 

पासपोर्ट रैंकिंग बताती है किसकी-कितनी स्‍वीकार्यता 

हैनली पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के देशों की पासपोर्ट की रैंकिंग करता है. इससे पता चलता है कि किस देश के पासपोर्ट की कितनी अधिक स्वीकार्यता है, मतलब उसे कितना भाव दिया जाता है. ऐसा वह इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से मिले डाटा के आधार पर करता है. वह पिछले 19 सालों से ऐसा कर रहा है. इस इंडेक्स में 199 पासपोर्ट और 227 गंतव्य स्थान शामिल हैं. 

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किस तरह से निर्धारित की जाती है पासपोर्ट रैंकिंग 

रैंकिंग में ये देखा जाता है कि 199 में से किस देश के पासपोर्ट धारक को दुनिया के 227 गंतव्यों स्थानों में से कितने स्थानों पर बिना वीजा के एंट्री मिलती है. अगर किसी देश के पासपोर्ट धारक को इन 227 स्थानों में किसी भी जगह पर जाने से पहले वीजा या ई-वीजा लेना पड़ता है तो उस जगह के लिए उसे शून्य अंक मिलता है. अगर यात्रा से पहले वीजा नहीं लेना पड़ता है तो एक अंक मिलता है. जिन पासपोर्ट्स पर वीजा ऑन अराइवल, विजिटर परमिट या इलेक्ट्रानिक ट्रैवल ऑथोरिटी की सुविधा मिलती है उन पासपोर्ट्स को भी एक अंक मिलता है. 

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रैंकिंग निर्धारण में ये कारक भी होते हैं प्रमुख

रैंकिंग का आधार है कि 227 गंतव्यों में से कितने गंतव्यों पर वीजा फ्री एंट्री मिलती है, लेकिन कहीं न कहीं इन बातों को भी ध्यान में रखा जाता है कि किस देश की जनसंख्या अधिक है और क्या वहां से नागरिकों के पलायन की तादाद बड़ी हो सकती है. वहां के राजनीतिक-आर्थिक हालात कैसे हैं. वीजा फ्री एक्‍सेस तय करने में ये सभी कारक की भूमिका निभाते हैं. 

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इस बार इन देशों को मिली है टॉप रैंकिंग 

हैनली पासपोर्ट इंडेक्स हर साल जारी किया जाता है और इसे हर महीने अपडेट किया जाता है. मौजूदा रैंकिंग में फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, सिंगापुर और स्पेन के पासपोर्ट को पहले नंबर पर रखा गया है. इन देशों के पासपोर्ट के सबसे अधिक 194 गंतव्य स्थानों में बिना वीजा के जाया जा सकता है, जबकि फिनलैंड, नीदरलैंड्स, साउथ कोरिया और स्वीडन की रैंकिंग दूसरी है. इन देशों के पासपोर्ट धारक दुनिया के 193 गंतव्य स्थानों पर बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं. 

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पासपोर्ट रैंकिंग में कहां हैं भारत के पड़ोसी 

भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान की रैंकिंग जहां 106वें नंबर पर है, वहीं बांग्लादेश 101 नंबर से खिसक कर 102 नंबर पर चला गया है. जबकि मालदीव की रैंकिंग 58 है. 

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