Explainer : भारत की तुलना में चीन और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कैसी है? कौन कर रहा ज्यादा तरक्की

Comparison of Economy of India, Pakistan and China : भारत में सातवें चरण के मतदान से पहले अर्थव्यवस्था को लेकर आंकड़े सामने आए. इससे पता चलता है कि भारत उम्मीद से बेहतर तरक्की कर रहा है. पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान का क्या हाल है?

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Comparison of Economy of India, Pakistan and China : चीन और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति देख भारत की सक्सेस स्टोरी को जान गर्व होगा.

भारत की अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष 8.2 फीसदी ग्रोथ से बढ़ी है. यह दुनिया के अनुमानों से भी ज्यादा है. मगर बगैर चीन और पाकिस्तान की आर्थिक सेहत के बारे में जाने भारत की सक्सेस स्टोरी को समझना आसान नहीं है. कोरोना ने पूरे विश्व को बहुत हद तक बदल दिया है. कई देश इससे अब तक उबर नहीं पाए हैं. चीन और पाकिस्तान की हालत सबसे ज्यादा इसके बाद खराब हुई है. वहीं नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत इससे निकलकर नये कीर्तिमान गढ़ रहा है. मोदी सरकार ने 10 साल के अपने शासन में  25 करोड़ नागरिकों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल दिया है.  पढ़ें-GDP@8.2 : देश के ग्रोथ की गड्डी की रॉकेट सी रफ्तार, उम्मीदों से भी निकली पार

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एएफपी के अनुसार, चीन की आर्थिक परेशानियां अभी खत्म नहीं हुईं हैं और इसके नेता स्वीकार करते हैं कि देश को 2024 के लिए अपने लक्ष्यों को हासिल करने में एक कठिन संघर्ष का सामना करना पड़ेगा. बीजिंग के नेतृत्व ने 3 मई 2024 को इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग पांच प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा है. हालांकि, चीन के लिए इसे पाना भी बेहद मुश्किल है. बीजिंग का खुद भी मानना ​​है कि अर्थव्यवस्था में अभी भी मौजूद जोखिम और छिपे खतरों को देखते हुए पांच प्रतिशत की वृद्धि हासिल करना आसान नहीं होगा.

एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ग्रेटर चाइना के मुख्य अर्थशास्त्री जिंग लियू ने कहा, "हालांकि इस साल विकास लक्ष्य पिछले साल के समान ही है, लेकिन 2023 की हालत को देखते हुए यह वास्तव में अधिक महत्वाकांक्षी है." चीन का रियल एस्टेट क्षेत्र सबसे बड़ा जोखिम बनकर उभरा है. प्रमुख डेवलपर्स के दिवालियेपन के कगार पर होने और गिरती कीमतों के कारण उपभोक्ताओं को हतोत्साहित करने के कारण चीन अभूतपूर्व तनाव में है. चीन में रियल एस्टेट ने देश भर में बढ़ते जीवन स्तर के साथ-साथ दो दशकों में जबरदस्त वृद्धि हासिल किया और लंबे समय तक चीन की जीडीपी के एक चौथाई से अधिक के लिए जिम्मेदार रही. सस्ते कर्ज और बढ़ती मांग के कारण लाखों अधूरे घर अब खाली पड़े हैं. 

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चीन के विश्लेषकों को ही नहीं भरोसा
यूबीएस के वांग ताओ ने एएफपी को बताया, 2024 के लिए हमारा वर्तमान बेसलाइन पूर्वानुमान 4.6 प्रतिशत है. उन्होंने बताया, "रियल एस्टेट बाजार में गिरावट जारी है." इससे उन उपभोक्ताओं को परेशानी होती रहेगी जो उच्च युवा बेरोजगारी और व्यापक आर्थिक अनिश्चितता से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर उपकरण नवीनीकरण और उपभोक्ता वस्तुओं के व्यापार का आह्वान किया, हालांकि अर्थशास्त्री संशय में हैं. चीन में विशेषज्ञता रखने वाली शोध फर्म ट्रिवियम के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, "अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए घरेलू संपत्ति और आय को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, चीन के नेता स्पष्ट रूप से ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हैं."

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इस्लामाबाद के डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने कहा है कि पाकिस्तान का आर्थिक दृष्टिकोण अनिश्चित बना हुआ है, क्योंकि राजनीतिक अस्थिरता आर्थिक सुधार प्रयासों की स्थिरता के लिए एक प्रमुख जोखिम बनी हुई है. डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एडीबी ने अपने 'एशियाई विकास आउटलुक' में कहा कि मध्य पूर्व में संघर्ष बढ़ने से आपूर्ति श्रृंखला में संभावित व्यवधान से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, पाकिस्तान की स्थिति अनिश्चित है और जोखिम उच्च स्तर पर है. राजनीतिक अनिश्चितता व्यापक आर्थिक नीति-निर्माण को प्रभावित करती है. इसके कारण सुधार प्रयासों की स्थिरता में एक जोखिम बनी रहेगी."  एडीबी ने वित्तीय वर्ष 2024 (30 जून, 2024 को समाप्त) में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि की भविष्यवाणी की है और फिर वित्तीय वर्ष 2025 में धीरे-धीरे बढ़कर 2.8 प्रतिशत होने का अनुमान जताया है. इसमें कहा गया है कि सकारात्मक वृद्धि कृषि और उद्योग में सुधार से आएगा.

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