EXPLAINER : आखिर ED के समन के बाद कितनी बार पेशी से बच सकता है कोई

अगर जरूरत महसूस हुई तो ED उस शख्स के खिलाफ ईडी गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगा सकता है. इसके बाद कोर्ट मामले की गंभीरता को समझते हुए उस शख्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकता है.

Advertisement
Read Time: 6 mins

ED के पास क्या कुछ बचे हैं विकल्प (प्रतीकात्मक चित्र)

नई दिल्ली:

दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल ED यानी प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने ED को पेशी से पहले एक जवाब दिया है था. इसमें सीएम केजरीवाल ने लिखा कि उनके खिलाफ BJP के कहने पर ही ये नोटिस भेजा गया है. साथ ही उन्होंने कहा था कि ED को चाहिए कि वह इस मामले में अपना नोटिस तुरंत वापस ले.

ED के समन के बाद सीएम केजरीवाल ने दिया जवाब

ED के समन पर केजरीवाल ने कहा था कि ये इसलिए भी किया जा रहा है ताकि मैं चुनाव प्रचार न कर सकूं. नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर जांच एजेंसी के समन के बाद कोई शख्स कितनी बार पेशी से बच सकता है. और ऐसे में ED के पास और क्या-क्या विकल्प बचते हैं. 

Advertisement

ईडी के पास ये हैं विकल्प

जानकारों के अनुसार अगर कोई शख्स ED के समक्ष पेश होने से मना कर देता है तो ऐसे में ईडी पेश होने वाले से पेश ना होने को लेकर जायज वजह बताने को कह सकती है. साथ ही ED इसके लिए संबंधित शख्स को समय भी दे सकती है. दी गई समय सीमा पूरी होने के बाद ED दोबारा से समन जारी कर सकती है. बता दें कि कोई भी शख्स ईडी के समन पर तीन बार अगर पूछताछ के लिए नहीं पहुंचा तो फिर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है. 

गैर-जमानती वारंट भी जारी हो सकता है

इतना ही नहीं अगर जरूरत महसूस हुई तो ED उस शख्स के खिलाफ ईडी गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगा सकता है. इसके बाद कोर्ट मामले की गंभीरता को समझते हुए उस शख्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकता है. गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद ED संबंधित शख्स को गिरफ्तार तक कर सकती है. 

Topics mentioned in this article