Exclusive: "कांग्रेस को इस बात का दुख है कि मैंने राहुल गांधी को हराया..": NDTV से बोलीं स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने कहा कि पहले की सरकारें सुधारों को लेकर अनिर्णय की स्थिति में थीं. 2014 से पहले राजनीतिक माहौल अस्थिर था, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानंमत्री बनने के बाद हालात में बदलाव आया है. पीएम मोदी की निर्णायक जीत ने सुधारों के लिए जगह दी है.

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स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर कसे तंज.
दावोस:

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का क्रेडिट केंद्र सरकार की नीतियों को दिया है. स्मृति ईरानी ने एनडीटीवी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि "भारत के विकास की कहानी" दावोस में हर तरफ चर्चा बटोर रही हैं. उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे को उजागर करने के लिए वह और चार अन्य मंत्री लगातार काम कर रहे हैं.

स्मृति ईरानी ने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) की सालाना बैठक से इतर एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "यह देखना दिलचस्प है कि कैसे भारत की कहानी दावोस में चर्चा बटोर रही है." महिला व बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री ने कहा कि भारत ने दावोस में लैंगिक न्याय के लिए एक मजबूत "आर्थिक मामला" बनाया है. उनका मंत्रालय इस मुद्दे को उठाता आया है.

स्मृति ईरानी ने कहा, 'हम समग्र रूप से इस बात को मानते हैं कि सुधारों और विकास की वेदी पर आपको समावेशिता का त्याग नहीं करना है. भारत ने लैंगिक न्याय के लिए एक आर्थिक मामला बनाया है. हम लिंग को मुक्ति और सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से नहीं देखते हैं." उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत दृढ़ता से ये आर्थिक मामला बनाया है. जब आप महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में निवेश करते हैं, तो आप एक मजबूत अर्थव्यवस्था में निवेश करते हैं. आप अपने देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, अपने देश के शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत उद्देश्य में निवेश करते हैं, क्योंकि यह ऐतिहासिक रूप से रहा है." 

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स्मृति ईरानी ने आगे कहा, 'यह साबित हो गया है कि जब एक महिला की खरीदने की शक्ति और खपत शक्ति में एक पैमाना शामिल होता है, तो वह अपना अधिक पैसा इन दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर लगाती है."

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स्मृति ईरानी के अलावा तीन अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ इस बार दावोस में भारत की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है. ये चारों नेता वैश्विक मंच पर भारत की विकास गाथा पेश कर रहे हैं. स्मृति के अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के कंधों पर सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा, "नेतृत्व भविष्य की चुनौतियों को दूर करने के बारे में है... हम प्रतिस्पर्धी हैं, फिर भी सहयोगी हैं... मैं सिर्फ इसलिए नहीं बोलती, क्योंकि कांग्रेस चाहती है कि मैं बोलूं; कांग्रेस इस तथ्य से नहीं हट सकती कि मैंने राहुल (गांधी) को हराया." 

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ईरानी ने कहा कि पहले की सरकारें सुधारों को लेकर अनिर्णय की स्थिति में थीं. 2014 से पहले राजनीतिक माहौल अस्थिर था, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानंमत्री बनने के बाद हालात में बदलाव आया है. पीएम मोदी की निर्णायक जीत ने उन्हें सुधारों के लिए जगह दी है. शासन परिवर्तन से भारत की क्षमता दुनिया के सामने आ रही है. बता दें कि स्मृति ईरानी ने साल 2019 के लोकचुनाव में राहुल गांधी के कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाली अमेठी सीट से हरा दिया था.    

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