तालिबान से बचने के लिए काबुल से आज सुबह भारत आए 168 लोगों के दल में 24 सिखों में दो अफगान सीनेटर भी शामिल हैं. उनमें से एक सीनेटर नरेंद्र सिंह खालसा की आंखों में आँसू थे. उन्होंने भारत लाए जाने प भारत सरकार को धन्यवाद दिया है. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि वो यहां सुरक्षित पहुंच गए. उन्होंने बताया कि काबुल में एयरपोर्ट तक पहुंचना बहुत मुश्किल था.
यह पूछे जाने पर कि अफगानिस्तान में हालात कैसे हैं, वह रो पड़े. उन्होंने दिल्ली के पास गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे पर विमान से उतरने के बाद संवाददाताओं से कहा, "मुझे रोने का मन कर रहा है... पिछले 20 वर्षों में जो कुछ भी बनाया गया था, वह अब समाप्त हो गया है. अफगानिस्तान अब शून्य पर पहुंच गया है."
खालसा ने बताया, "वहां 250 अफगानी सिख बचे थे. वहां की हालत बहुत खराब है, लोग दहशत में हैं, किसी पर भरोसा नहीं कर रहे. वहां कोई सरकार नहीं है. उनसे डर लगता है."
C17 विमान 107 भारतीयों सहित 168 यात्रियों को लेकर आज सुबह करीब 10 बजे हिंडन एयरबेस पर पहुंचा. काबुल में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत को एक दिन में दो उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है. आज अफगानिस्तान से तीन अलग-अलग अन्य उड़ानों से भी भारतीय वापस लाए गए. इनमें एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा द्वारा संचालित- विमान शामिल हैं जो ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे और कतर के दोहा से होते हुए दिल्ली में उतरे.