देश में मई माह से कोरोना टीकाकरण का दायरा बढ़ाया जाएगा और एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी टीका लगवा सकेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से सोमवार को कोरोना स्थिति को लेकर की गई लगातार बैठकों के बाद केंद्र सरकार ने यह ऐलान किया.सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तीसरे चरण के तहत सभी व्यस्कों का टीकाकरण किया जाएगा.' सरकार ने कहा है कि विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में टीकों की खरीद और टीका लगवाने की पात्रता में ढील दी जा रही है. गौरतलब है कि सोमवार को देश में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आने के एक दिन बाद केंद्र सरकार का यह फैसला आया है. देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना के केसों की संख्या बढ़ने के चलते कई राज्यों से ऑक्सीजन तथा दवाइयों की कमी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं.
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कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत केंद्र सरकार की ओर से सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वकर्स का टीकाकरण कराया था. इसके बाद 60 वर्ष से अधिक और उसके बाद 45 वर्ष से अधिक लोगों के वैक्सीनेशन को मंजूरी दी गई थी.पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है, 'सरकार पिछले एक साल से अधिक समय से इस दिशा में भरसक प्रयास कर रही है कि भारत के अधिकतम लोगों को कम से कम समय में कोरोना वैक्सीन लगाई जाए.' सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले लोगों, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों समेत प्राथमिकता वाले समूहों को दूसरी खुराक देने में प्राथमिकता दी जाएगी.केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्यों को टीका निर्माताओं से अतिरिक्त खुराक सीधे खरीदने का अधिकार होगा.इसके साथ ही टीका निर्माताओं को उनकी 50 प्रतिशत तक आपूर्ति पूर्व घोषित दाम पर राज्य सरकारों और खुले बाजार में बेचने का अधिकार दिया गया है.
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना मामले को लेकर सोमवार को लगातार बैठकें की थीं. इन बैठकों के जरिये उन्होंने यह संदेश दिया था कि कोरोना के नए मामलों में आए 'जबर्दस्त उछाल' को लेकर केंद्र सरकार 'अलर्ट मोड' पर है. कोरोना की हालात पर चर्चा के लिए पीएम ने पहली बैठक सुबह 11.30 बजे की. बाद में पीएम ने देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ कांविड-19 की की मौजूदा स्थिति पर संवाद किया. उन्होंने शाम छह बजे देश की शीर्ष दवा कंपनियों के साथ ऑनलाइन बैठक की थी.प्रधानमंत्री ने प्रमुख डॉक्टरों के साथ बैठक में कोविड-19 के हालात से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा की थी और डॉक्टरों की की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया था.
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