दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. हवा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से अब तो लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है. आलम ये है कि दिल्ली की जहरीली आबोहवा का लोगों की सेहत पर भी बुरा असर हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है. मंगलवार को यहां का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 354 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राजधानी दिल्ली में सुबह 5:55 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 दर्ज किया गया है. जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 229, गुरुग्राम में 222, गाजियाबाद में 320, ग्रेटर नोएडा में 285 है.
खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI
दिल्ली के इलाकों के नाम | AQI@ 6.00 AM | कौन सा जहर | कितना औसत |
आनंद विहार | 403 | PM 2.5 का लेवल हाई | 403 |
मुंडका | 405 | PM 2.5 का लेवल हाई | 405 |
वजीरपुर | 421 | PM 2.5 का लेवल हाई | 411 |
जहांगीरपुरी | 419 | PM 10 का लेवल हाई | 403 |
आर के पुरम | 366 | PM 2.5 का लेवल हाई | 366 |
ओखला | 351 | PM 2.5 का लेवल हाई | 351 |
बवाना | 392 | PM 2.5 का लेवल हाई | 392 |
विवेक विहार | 385 | PM 2.5 का लेवल हाई | 385 |
नरेला | 356 | PM 2.5 का लेवल हाई | 356 |
मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले दिनों में भी हालात ऐसे ही रह सकते हैं. इससे एक दिन पहले यानि सोमवार को दिल्ली में सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया है. जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 165, गुरुग्राम में 302, गाजियाबाद में 242, ग्रेटर नोएडा में 271 और नोएडा में 237 बना था. इस दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक्यूआई सबसे अधिक 409 दर्ज किया गया.
दिल्ली में धुआं होने की वजहें ये हैं
चूंकि धान की कटाई के बाद रबी की फसलों, विशेषकर गेहूं की बुवाई के लिए बहुत कम समय होता है, इसलिए कुछ किसान अगली फसल की बुवाई के लिए फसल अवशेषों को जल्दी से जल्दी साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं.
पटाखों को लेकर दिल्ली पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट नाराजगी जताते हुए कई बड़े सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर बैन सिर्फ आईवॉश है. क्या किसी को प्रदूषण फैलाने का मौलिक अधिकार है? प्रतिबंध पूरे साल होना चाहिए. सिर्फ दीवाली पर नहीं. शादियों और चुनाव जीतने के दौरान पटाखे जलाए जा रहे हैं, पुलिस ने क्या कार्रवाई की है? क्या दिल्ली पुलिस यह दावा कर रही है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया गया है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध था. क्या पुलिस ने बिक्री पर प्रतिबंध लगाया, आपने जो कुछ जब्त किया है, वह पटाखों का कच्चा माल हो सकता है.
दिल्ली में प्रदूषण के बारे में कुछ और बातें
- सर्दियों में वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण होता है.
- दिल्ली की खराब परिवहन प्रणाली से होने वाला प्रदूषण स्थानीय स्रोतों से होने वाले प्रदूषण का 50 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा है.
- दिवाली के बाद से दिल्ली में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है.
- वायु गुणवत्ता को हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा से मापा जाता है.
- धुएं के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियां और भी खराब हो सकती हैं.
वायु प्रदूषण के मद्देनजर पार्किंग शुल्क दोगुना करने की योजना
एमसीडी निजी वाहनों के उपयोग को कम करने करने और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पार्किंग शुल्क दोगुना करने की योजना बना रहा है. अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव 14 नवंबर को होने वाली एमसीडी सदन की बैठक में रखा जाएगा, उसी दिन दिल्ली के अगले महापौर और उप महापौर के लिए चुनाव भी होंगे. उन्होंने बताया कि क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी)-II के तहत पार्किंग शुल्क बढ़ाने का विचार काफी समय से एजेंडे में है, लेकिन इसे बार-बार पुनर्विचार के लिए सदन में भेजा जाता रहा है.
एमसीडी ने शुल्क 4 गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में एमसीडी ने शुल्क चार गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन विचार-विमर्श के बाद अब शुल्क में दो गुना बढ़ोतरी का संशोधित प्रस्ताव तैयार किया गया है. हालांकि, उन्होंने शुरुआत में प्रस्तावित वृद्धि को कम करने का कारण नहीं बताया. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) सहित अन्य एजेंसियों ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों के तहत शुल्क वृद्धि को पहले ही लागू कर दिया है. केवल एमसीडी ने अभी तक इस वृद्धि को लागू नहीं किया है.