जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की शनिवार को घोषणा की गयी, उनमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केंद्र विशेष तौर पर महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा. चुनाव आयोग ने कहा कि लैंगिक समानता और चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की अधिक रचनात्मक भागीदारी के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत उसने यह निर्देश दिया है कि जहां तक संभव हो, गोवा, मणिपुर, पंजाब उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विशेष रूप से महिलाओं द्वारा प्रबंधित कम से कम एक मतदान केंद्र स्थापित किया जाएगा. ऐसे मतदान केंद्रों पर पुलिस और सुरक्षाकर्मियों समेत सभी चुनावकर्मी महिलाएं होंगी.
आयोग ने 10 मार्च को मतगणना के दिन की व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि नियंत्रण इकाइयों से परिणाम प्राप्त करने से पहले, मुहरों का सत्यापन किया जाता है और इनके अनोखे क्रम संख्या को उम्मीदवारों द्वारा प्रतिनियुक्त मतगणना एजेंट के समक्ष मिलान किया जाता है. चुनाव आयोग ने कहा कि 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और कोविड संक्रमित लोगों को अपने घरों में आराम से मतदान करने का विकल्प दिया जाएगा. इसने कहा कि मतदान कर्मी इस विकल्प का चयन करने वालों के घर जाकर उन्हें वोट डालने के लिए मतपत्र उपलब्ध कराएंगे.
आयोग के अनुसार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और उनके एजेंट को सूचित किया जाएगा और ऐसे मतदाताओं की वीडियोग्राफी के माध्यम से सख्त गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी. मौजूदा कोविड की स्थिति को देखते हुए, आयोग ने कहा कि मतदान से एक दिन पहले मतदान केंद्रों को अनिवार्य रूप से सेनेटाइज किया जाएगा. इसने कहा कि मतदानकर्मियों या पैरामेडिकल कर्मियों या आशा कार्यकर्ताओं द्वारा मतदान केंद्रों के प्रवेश बिंदु पर मतदाताओं की थर्मल जांच की जाएगी.