गोदरेज प्रॉपर्टीज से ₹110 करोड़ की कथित धोखाधड़ी, श्री सिद्धि इन्फ्राबिल्ड के प्रमोटर्स पर EOW का शिकंजा

शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्राप्त राशि में से करीब ₹110 करोड़ का उपयोग प्रोजेक्ट के विकास के लिए न कर, आरोपियों ने इसे अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, आरोपियों पर RERA अधिनियम के प्रावधानों और डेवलपमेंट एग्रीमेंट की शर्तों के उल्लंघन के भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

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मुंबई पुलिस की EOW ने रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े एक बड़े कथित घोटाले में कार्रवाई करते हुए गोदरेज प्रॉपर्टी लिमिटेड के साथ ₹110 करोड़ की धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में श्री सिद्धि इन्फ्राबिल्ड समूह के प्रमोटर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह केस गोदरेज प्रॉपर्टीज के सीनियर जनरल मैनेजर निसर्ग विनय पंड्या की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है.

EOW द्वारा दर्ज एफआईआर में जिन लोगों और संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है, उनमें मुकेश पटेल, कल्पेश ए. पटेल, कल्पेश बी. पटेल, जैस्मिन मुकेश पटेल, साथ ही श्री सिद्धि इन्फ्राबिल्डकॉन LLP और श्री सिद्धि इन्फ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.

क्या है पूरा मामला?

शिकायत के मुताबिक, वर्ष 17 जुलाई 2017 से 15 अगस्त 2025 के बीच गोदरेज प्रॉपर्टीज और आरोपियों की कंपनियों के बीच गुजरात में स्थित गोदरेज गार्डन सिटी (सेलेस्टे) प्रोजेक्ट को लेकर डेवलपमेंट और लोन से जुड़े समझौते हुए थे. इन्हीं समझौतों के तहत गोदरेज प्रॉपर्टीज की ओर से प्रोजेक्ट के लिए ₹57.30 करोड़ का लोन स्वीकृत किया गया था.

इसके अलावा, फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों से भी बड़ी रकम एकत्र की गई. शिकायत में कहा गया है कि प्रोजेक्ट के नाम पर कुल ₹279.02 करोड़ की राशि प्राप्त हुई, लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल निर्माण कार्य में करने के बजाय इसका एक बड़ा हिस्सा दूसरी जगहों पर डायवर्ट कर दिया गया.

₹110 करोड़ के दुरुपयोग का आरोप

शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्राप्त राशि में से करीब ₹110 करोड़ का उपयोग प्रोजेक्ट के विकास के लिए न कर, आरोपियों ने इसे अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, आरोपियों पर RERA अधिनियम के प्रावधानों और डेवलपमेंट एग्रीमेंट की शर्तों के उल्लंघन के भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

EOW को सौंपी गई जांच

शुरुआत में इस मामले की एफआईआर विक्रोली पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी. हालांकि, आरोपों की गंभीरता और रकम के बड़े पैमाने को देखते हुए केस को आगे की जांच के लिए EOW को ट्रांसफर कर दिया गया. फिलहाल आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 316(2), 316(5) और 61(2) के तहत मामला दर्ज है.

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